लखनऊ: प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने आगामी दो महीने अप्रैल-मई में निकाय चुनाव को संभावित मानकर कार्यवाही शुरू की है। आयोग ने निकाय चुनाव के लिए मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण का विस्तृत कार्यक्रम तय कर दिया है। 10 मार्च से पुनरीक्षण की कार्यवाही शुरू होगी। एक अप्रैल को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। एक जनवरी 2023 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा मतदाता सूची में नाम शामिल करा सकते हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण निर्धारण के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है। आयोग कभी भी अपनी रिपोर्ट पेश कर सकता है। आयोग की रिपोर्ट पर प्रदेश कैबिनेट अंतिम फैसला करेगी। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक है। बृहस्पतिवार रात तक रिपोर्ट के मसौदे को अंतिम रूप देकर सरकार को सौंपा जा जा सका, तो कैबिनेट की इसी बैठक में रिपोर्ट पर फैसला हो सकता है।
योगी सरकार ने पहले ही अप्रैल-मई में चुनाव कराने के संकेत दिए हैं। लिहाजा आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया है। 762 निकायों में चुनाव के लिए 10 मार्च को मतदाता सूची का ड्राफ्ट प्रकाशन किया जाएगा। 11-17 मार्च तक मतदाता सूची निरीक्षण किया जाएगा। मतदाता सूची में नाम जोड़े जाएंगे। दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएगी। 18 से 22 मार्च तक दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। दावे और आपत्तियों के निस्तारण के बाद 23 से 31 मार्च तक पूरक पांडुलिपियां तैयार की जाएगी। उन्हें पूरक सूची में समाहित किया जाएगा। एक अप्रैल को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोज कुमार के मुताबिक मतदाता, मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए 11 से 17 मार्च तक आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी मतदाता का नाम किसी अन्य वार्ड की मतदाता सूची में शामिल हो गया है तो उसका नाम उनसे संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में अंकित करने की कार्यवाही भी अभियान के दौरान की जाएगी।
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