देहरादून/गैरसैंण: उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा भवन में चल रहा है, लेकिन सत्र के पहले दिन ही जमकर हंगामा देखने को मिला. जहां विपक्ष के विधायक विरोध करते-करते इतने गुस्से में आ गए कि वे विधानसभा सचिव की टेबल तक पहुंच गए. जहां उन्होंने न केवल टेबल को पलटाने की कोशिश की, बल्कि माइक और अन्य सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. जिस पर बीजेपी हमलावर हो गई है.
सदन की कार्यवाही शुरू होती ही कांग्रेसी विधायकों का हंगामा: बता दें कि विपक्ष ने पहले ही अपने तेवर दिखा दिए थे कि सत्र के दौरान नैनीताल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई धांधली और उत्तरकाशी की आपदा पर सरकार से वो जवाब मांगेंगे. आज सत्र के शुरू होते ही सदन के भीतर कांग्रेसियों का हंगामा देखने को मिला. जहां विपक्ष के नेता लगातार सदन में नैनीताल में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार से जवाब मांगने लगे.
माइक फेंका और टेबल पलटने की कोशिश: सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेसी विधायक यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने माइक फेंका और टेबल भी पलटने की कोशिश की. इस दौरान स्पीकर के सुरक्षाकर्मी भी विपक्ष के नेताओं को रोकते हुए दिखाई दिए. इस दौरान सदन की कार्रवाई कई बार स्थगित भी हुई.

माइक फेंकते कांग्रेस के विधायक
वहीं, जब हंगामा बढ़ा तो विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को भी विपक्ष से अपील करनी पड़ी कि ‘वो सरकारी संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचाएं.‘ स्पीकर खंडूड़ी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सभी विधायकों से न केवल अपील की बल्कि, ये भी कहा कि ‘वो अपनी बात कह सकते हैं, लेकिन सरकारी संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं. क्योंकि, यह संपत्ति आम जनता के टैक्स की है.’

उत्तराखंड विधानसभा में हंगामा वहीं, विपक्ष के विधायक सुमित हृदयेश से लेकर भुवन कापड़ी और अन्य विधायकों का कहना था कि ‘वो सदन में नेता विपक्ष का सम्मान चाहते हैं और नैनीताल में जो कुछ भी हुआ उस पर अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.‘ आज विधानसभा सत्र का पहला दिन है, लेकिन जिस तरह से पहले दिन के शुरुआती घंटे में ही विपक्ष ने अपने तेवर दिखाए हैं, उससे यह लगता है कि सत्र में इस बार हंगामा जोरों पर रहेगा.
वहीं, हंगामे के बीच नियम 300 की सूचनाओं पर फिलहाल चर्चा चल रही है. जबकि, इस पूरे घटनाक्रम पर संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने विपक्ष के विधायकों पर कई तरह के आरोप और अपमान की बात कहकर कार्यवाही से निलंबित करने की मांग विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से की है.
“आज सदन के भीतर कांग्रेस का हिंसक एवं अराजक व्यवहार देखने को मिला. 2014 के पंचायत चुनाव में जो अराजकता कांग्रेस ने शुरू की, वो उनके व्यवहार में आजतक शामिल है. जहां आपदा से जूझ रही जनता के जख्मों पर मरहम लगाने को गैरसैंण पहुंची सरकार जनता के हितों के प्रति गंभीर है तो वहीं विपक्ष को जनसरोकारों से कोई लेना देना नहीं, बल्कि जनता के मुद्दे उठाने की बजाय व्यक्तिगत स्वार्थ तक ही केवल सीमित है.”– उत्तराखंड बीजेपी




