Monday, October 27, 2025
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उत्तराखंड में भूकंप से कांपी धरती, हिमाचल तक महसूस किए गए झटके

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में एक बार फिर से धरती कांपी है. उत्तरकाशी जिले में शाम 7 बजकर 30 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. झटके महसूस होने पर ग्रामीण घरों से बाहर निकले. भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है. इससे पहले भी कई बार जिले में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. राहत की बात ये है कि इस भूकंप से जिले में किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है. जानकारी के तहत, भूकंप के झटके उत्तरकाशी से सटे हिमाचल प्रदेश के भी कुछ हिस्सों में महसूस किए गए हैं.

जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 30 मिनट और 10 सेकंड पर उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकम्प की तीव्रता 3.6 रहा. भूकंप का केंद्र उत्तरकाशी के मोरी ब्लॉक में 5 किमी जमीन के नीचे रहा. फिलहाल नुकसान के किसी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिली है. वहीं भूकंप के झटके उत्तरकाशी जिले से सटे हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहडू में भी महसूस किए गए.

उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने कहा कि उत्तरकाशी में भूकंप का एपिसेंटर उत्तराखंड-हिमाचल सीमा, मोरी ब्लॉक के निकट रहा है. जिसकी गहराई 5 किलोमीटर रही. जिला प्रशासन द्वारा स्थिति की निरंतर निगरानी की जा रही है. अब तक किसी प्रकार की हानि की सूचना प्राप्त नहीं हुई है.

आपदा प्रबंधन अधिकारी जिलाधिकारी शार्दुल गुसाईं ने बताया मोरी क्षेत्र में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. किसी प्रकार की नुकसान की घटना नहीं हुई. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों और संगठनों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

पहले भी आ चुका है भयानक भूकंप: बता दें कि उत्तरकाशी जिले के भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना गया है. साल 1991 में 20 अक्टूबर को सुबह तड़के बजे आए भूकंप ने उत्तरकाशी के जामक में जानमाल का भारी नुकसान पहुंचाया था. रिक्टर स्केल पर भूकम्प की तीव्रता 6.1 मापी गयी थी. इस विनाशकारी भूकंप में कई गांव तबाह हो गए थे. जामक गांव के साथ ही गणेशपुर, गिनडा समेत मनेरी और अन्य गांवों में जानमाल का काफी नुकसान हुआ था.

भूकंप का कारण: उत्तराखंड हिमालय की गोद में बसा राज्य है. यही वजह है कि भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड को काफी संवेदनशील माना जाता है. इसके अलावा उत्तराखंड जोन 4 और 5 में आता है. जिससे भूकंप का खतरा बढ़ जाता है. उत्तराखंड के अति संवेदनशील जोन 5 में रुद्रप्रयाग (ज्यादातर हिस्सा), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं. वहीं, नैनीताल, उधम सिंह नगर, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी और अल्मोड़ा जोन 4 में आते हैं. जबकि, देहरादून और टिहरी जिले दोनों जोन यानी 4 एवं 5 में आते हैं.

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