Thursday, September 18, 2025
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जींद के मेजर मंजीत गिल को राष्ट्रपति ने कीर्ति चक्र से किया सम्मानित, आतंकियों को किया था ढेर

जींद: हमारे देश में भारतीय सेना के जवानों की गाथाएं अविश्वसनीय और अकल्पनीय होती है. गौरव और आत्मविश्वास से भरे भारत देश के जवान दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में हमेशा से आगे रहे हैं. उनके शौर्य का और वीरता का डंका दुनियाभर में बजता आया है. ऐसे ही असाधारण साहस और उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता के कारण आतंकियों को ढेर कर देश को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले जवानों को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है. जींद के मेजर मंजीत गिल को भी इसी साहस के लिए महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कीर्ति चक्र से सम्मानित किया है.

मेजर मंजीत गिल को कीर्ति चक्र: मेजर मंजीत गिल जींद में सेक्टर-11 के रहने वाले हैं. जींद जिले की सीमा से सटे गांव मिर्चपुर में उनका जन्म हुआ है. सम्मानित होने पर मेजर गिल के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. शिक्षक पिता वीरभान गिल और धरती का सीना चीर कर देश के लिए अन्न उपजाने वाले दादा दलीप सिंह से जो राष्ट्र सेवा का जज्बा सीखा है. मेजर मंजीत गिल ने आंगनबाड़ी में कार्यरत अपनी मां निर्मला देवी के दूध का कर्ज देश सेवा कर चुकाया है. देश के लिए जान हथेली पर रख आतंकवादियों को ढेर करने वाले इस शौर्य जवान पर देश और परिजनों को गर्व है.

जब एक रात आतंकियों से भीड़े थे वीर जवान: मेजर मंजीत गिल की पत्नी एक कंपनी में कार्यरत हैं, वहीं उनका भाई भारतीय रेलवे में स्टेशन मास्टर के पद पर कार्य करते हैं. कीर्ति चक्र से सम्मानित मेजर मंजीत गिल की शौर्य गाथा सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. मेजर मंजीत ने एक विश्वसनीय सूत्र से मिली जानकारी के आधार पर सोपोर जिले के एक गांव में दो विदेशी आतंकवादियों की गतिविधियों का सावधानीपूर्वक पीछा किया. संदिग्ध लक्ष्य परिसर को चिन्हित करने के दौरान अधिकारी ने सावधानीपूर्वक एक प्रारंभिक घेरा स्थापित किया और 25 अप्रैल 2025 की पूरी रात आतंकवादियों द्वारा लगातार घेरा तोड़ने के प्रयासों के बावजूद अटूट प्रतिबद्धता बनाए रखी

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