सीएजी रिपोर्ट में राज्य की वित्तीय मजबूती और सुशासन की मुहर
नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताजा रिपोर्ट में उत्तराखण्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ₹5,310 करोड़ का राजस्व अधिशेष दर्ज कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के साथ उत्तराखण्ड उन चुनिंदा राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है जिन्होंने इस अवधि में राजस्व अधिशेष दर्ज किया।
सीएजी रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
वित्तीय वर्ष 2022-23 में उत्तराखण्ड का ₹5,310 करोड़ का राजस्व अधिशेष।
राज्य की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार का संकेत।
कभी “बिमारू” माने जाने के बाद अब सुदृढ़ वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण।
वित्तीय अनुशासन और पारदर्शी नीतियों से संभव हुआ आर्थिक परिवर्तन।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि—
“यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ संकल्प से प्रेरित सुशासन की नीतियों का परिणाम है। यह केवल आंकड़ों की सफलता नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की आत्मनिर्भर और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ते कदम का प्रतीक है। राज्य सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन की नीति पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखण्ड को विकसित राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है।”




