Saturday, July 19, 2025
Homeउत्तराखंडईडी के एक्शन से उत्तराखंड की पॉलिटिक्स हाई, हरक सिंह ने खोला...

ईडी के एक्शन से उत्तराखंड की पॉलिटिक्स हाई, हरक सिंह ने खोला मोर्चा, लगाये गंभीर आरोप

देहरादून: पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Enforcement Directorate) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. कल शुक्रवार 18 जुलाई को ईडी ने सहसपुर जमीन फर्जीवाड़े में हरक सिंह और उनकी पत्नी समेत पांच लोगों के खिलाफ विशेष कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी. वहीं आज शनिवार को हरक सिंह रावत ने प्रेस वार्ता कर अपना पक्ष रखा. हरक सिंह रावत ने ईडी की इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया.

हरक सिंह रावत का आरोप: हरक सिंह रावत ने ईडी और बीजेपी पर आरोप लगाते हुए बताया कि बीते एक साल से उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है. सरकार के दबाव में ईडी दिन को रात और रात को दिन बताने में लगी हुई है. हरक सिंह रावत का कहना है कि जमीन खरीद मामले में ईडी गुमराह करने का काम कर रही है.

राजनीति से संन्यास लेने तक की कही बात: हरक सिंह रावत ने यहां तक कहा है कि यदि उनके ऊपर लगे आरोप साबित हो गए तो वह हमेशा के लिए राजनीति से संन्यास ले लेंगे. हरक सिंह रावत ने ईडी की तरफ से दायर की गई चार्जशीट को भी पूरी तरह से फर्जी बताया है.

राजनीतिक दबाव में काम कर ही ईडी: हरक सिंह रावत का कहना है कि उनके उनके पास जमीनों से संबंधित सभी दस्तावेज सौ प्रतिशत सही है. यह बात ईडी को भी पता है. इसलिए वह ईडी के अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराएंगे. सिर्फ राजनीतिक दबाव की वजह से उनके खिलाफ चार्जशीट जारी की गई है.

विपक्ष के नेताओं को डराने के जरिया बन गई ईडी: हरक सिंह ने कहा कि जिस संस्थान से निष्पक्षता की उम्मीद की जाती है, वही आज सत्ता के इशारे पर विपक्षी नेताओं को डराने का जरिया बन गई है. सुप्रीम कोर्ट भी कई बार ईडी और सीबीआई जैसी संस्थानों को विपक्षी दलों के नेताओं का शोषण करने पर फटकार लगा चुकी है.

कांग्रेस के 198 सांसदों पर ईडी ने मुकदमें दर्ज किए: हरक सिंह ने कहा कि कांग्रेस के 198 सांसदों और नेताओं के खिलाफ ईडी ने मुकदमे दर्ज किये है, जिसमें से ईडी सिर्फ दो ही सिद्ध कर पाई है. हरक सिंह ने बताया कि जिस सहसपुर की जमीन को लेकर उन्हें घोटाले में घसीटा जा रहा है, वह जमीन 1960 में ही जमींदारी एक्ट के तहत सरकार में मर्ज हो चुकी थी.

जैनी प्रकरण का भी किया जिक्र: उन्होंने जैनी प्रकरण का भी जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान भी उनके खिलाफ साजिश रची गई थी, लेकिन तब भी उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी. उस समय वह जैनी को जानते तक नहीं थे.

जानिए क्या है पूरा मामला: हरक सिंह रावत के केस को लेकर ईडी ने शुक्रवार 18 जुलाई को जो प्रेस रिलीज जारी की थी. प्रेस रिलीज ने बताया गया था कि देहरादून में सहसपुर में आईपीसी 1860 की अलग-अलग धाराओं में दर्ज एफआईआर के आधार पर मामले की जांच शुरू की गई.
ईडी का कहना है कि जांच के बाद पता चला है कि दीप्ति रावत (पत्नी हरक सिंह रावत) और लक्ष्मी सिंह राणा ने बीरेंद्र सिंह कंडारी, हरक सिंह रावत, स्व0 सुशीला रानी और अन्य व्यक्तियों की मदद से जमीनों को अपने नाम पर रजिस्टर कराया.

ाथ ही ईडी का आरोप है कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद सुशीला रानी ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर सहसपुर (देहरादून) में जमीनों के दो पावर ऑफ अटॉर्नी रजिस्टर कराए. इसके बाद इन जमीनों को बीरेंद्र सिंह कंडारी (पावर ऑफ अटॉर्नी होल्डर) ने दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह राणा को सर्किल दरों से काफी कम कीमत पर बेच दिया.

दीप्ति रावत ने जो जमीनें खरीदी थीं वो अब दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट के तहत संचालित) का हिस्सा हैं. इसका कंट्रोल हरक सिंह रावत के परिवार और दोस्तों के पास है. बता दें कि इस मामले ईडी हरक सिंह रावत और अन्य लोगों से कई बार पूछताछ कर चुकी है.

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_imgspot_img

Most Popular