Tuesday, July 22, 2025
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उत्तराखंड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का होगा परमानेंट ‘इलाज’, जियोसिंथेटिक रिटेनिंग वॉल तकनीकी इस्तेमाल पर जोर

देहरादून: उत्तराखंड सरकार विभागीय योजनाओं और विभागों की कार्यशाली को और मजबूत किए जाने पर जोर दे रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इसी क्रम में सीएम धामी ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम धामी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिस्पना और बिंदाल नदी पर चार लेन एलिवेटेड रोड निर्माण परियोजना की सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाई जाए.

भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की रिपेयरिंग के निर्देश: सीएम धामी ने निर्देश दिए कि आशारोड़ी से मोहकमपुर तक देहरादून रिंग रोड/बाईपास और यूटिलिटी डक्ट पॉलिसी पर भी तेजी से कार्य किए जाएं. सड़क निर्माण कार्यों में नई तकनीक का उपयोग किया जाए. जिन पुलों की स्थिति खराब हो रही है, उनके पुनर्निर्माण और मरम्मत के कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जाएं. भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित और टिकाऊ सड़कों के निर्माण के लिए जियोसिंथेटिक रिटेनिंग वॉल जैसी तकनीक का उपयोग किया जाए. सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान लगातार चलाया जाए.

सड़कों की कनेक्टिविटी पर जोर: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में सड़क कनेक्टिविटी के विस्तार की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए. केदारखंड और मानसखंड की आपसी कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए तेजी से कार्य किए जाएं. देहरादून से हल्द्वानी, दिल्ली से हल्द्वानी और अन्य प्रमुख शहरों के लिए सड़क कनेक्टिविटी को और मजबूत बनाने के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाई जाए. इसके अलावा मसूरी और देहरादून के बीच यातायात के दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक मार्गों पर तेजी से कार्य किया जाएं. सड़कों के डामरीकरण के कार्यों में तेजी लाई जाए.

इन प्रोजेक्ट्स पर कार्य जारी: लोक निर्माण विभाग सचिव पंकज कुमार पांडे ने बताया कि रिस्पना नदी पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी पर 15 किलोमीटर लंबे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के पहले चरण की स्वीकृति के तहत फिजिबिलिटी स्टडी व हाइड्रोलॉजिकल स्टडी हो चुकी है. ऐसे में प्रस्तावित भू-अधिग्रहण प्लान के अनुसार मौके पर चिन्हीकरण की कार्रवाई की जा रही है. देहरादून रिंग रोड के संरेखण (एलाइनमेंट) को अंतिम रूप दिया जा चुका है. परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और रेलवे के साथ संयुक्त निरीक्षण कर डायवर्जन प्लान भी तैयार कर लिया गया है. देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और जियोटेक्निकल इन्वेस्टिगेशन किया जा चुका है.

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