देहरादून: सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना का नगर निगम प्रकरण अब तूल पकड़ता जा रहा है. दरअसल आज नाराज नगर निगम कर्मचारी महासंघ ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है. सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं. इसके अलावा कर्मचारी महासंघ ने नगर निगम के सभी अनुभागों में ताला लगा दिया है और और पूरे नगर निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कूड़ा उठाने से भी मना कर दिया. नगर निगम कर्मचारी महासंघ के कर्मियों की मांग है कि उन्हें विधायक का इस्तीफा चाहिए और विधानसभा से विधायक की सदस्यता रद्द होनी चाहिए. वहीं, विधायक जब तक अपने व्यवहार के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नही मांगते, तब तक कार्य बहिष्कार रहेगा.
विधायक के परिचित का टेंडर हुआ था अयोग्य करार: बता दें कि सहस्त्रधारा रोड पर नगर निगम का पुराना ट्रेचिंग ग्राउंड है, जिसे काफी समय पहले बंद कर दिया गया था. लेकिन वहां पर लाखों मीट्रिक टन कचरा अभी भी जमा है. इस कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम ने करीब 28 करोड़ रुपए के कार्य का टेंडर पिछले दिनों निकाला था. विधायक महेश जीना के परिचित ने भी टेंडर में आवेदन किया था. नगर निगम ने उनका टेंडर अयोग्य करार देकर निरस्त कर दिया था.
महेश जीना पर अपशब्दों का प्रयोग करने का आरोप: ऐसे में मंगलवार शाम को विधायक महेश जीना अपने समर्थकों के साथ नगर निगम पहुंचे और स्वास्थ्य अनुभाग से टेंडर को लेकर जानकारी मांगी. लेकिन आरोप है कि कर्मचारियों के बजाय विधायक को कंपनी का कर्मचारी जवाब देने लगा. आरोप है कि जिस पर विधायक का पारा चढ़ गया. विधायक महेशा जीना ने अनुभाग के कर्मचारी पवन थापा के साथ अपशब्दों का प्रयोग किया और नगर आयुक्त गौरव कुमार के ऑफिस में घुस गए. विधायक पर नगर आयुक्त के लिए भी अपशब्दों के प्रयोग का आरोप है.
नगर निगम कर्मचारी महासंघ ने हड़ताल का किया ऐलान: नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री सतेंद्र कुमार ने बताया कि जिस तरह से विधायक ने नगर आयुक्त और कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार किया है, उसका सभी कर्मचारी यूनियन विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि जब तक विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है, तब तक सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार करते हुए हड़ताल पर रहेंगे.
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