चंपावत: धर्म, आस्था, अध्यात्म और शिव भक्ति से सराबोर कैलाश मानसरोवर यात्रियों में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. आस्था के विभिन्न रंगों को खुद में समाहित कर देशभर से आ रहे शिव भक्तों का कैलाश मानसरोवर यात्रा आने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के तीसरे जत्थे को पुष्प वर्षा के बीच ‘हर हर महादेव’ के जयकारों के साथ टनकपुर से अगले पड़ाव के लिए रवाना किया.
टनकपुर नगर पालिका के अध्यक्ष विपिन वर्मा समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने टीआरसी प्रबंधन के साथ कैलाश मानसरोवर यात्रियों के तीसरे जत्थे को अभिनंदन किया, फिर फूल बरसाकर आगे के लिए रवाना किया. तीसरे जत्थे में देशभर से आए 46 यात्रियों ने कुमाऊं मंडल विकास निगम के आतिथ्य सत्कार और व्यवस्थाओं को कभी न भूलने वाला बताया.
पालिका अध्यक्ष विपिन वर्मा ने काली कुमाऊं से विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा को शुरू करने को पर्यटन के लिहाज से मिल का पत्थर बताया. इस तीसरे जत्थे में देश के 15 राज्यों से 34 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल हैं. जो टनकरपुर से अगले पड़ाव पिथौरागढ़ के लिए रवाना हो गए हैं.

कैलाश मानसरोवर यात्रियों को मां पूर्णागिरि पर्यावरण संरक्षण समिति के सदस्यों ने पुष्प वर्षा कर अगले पड़ाव के लिए विदा किया. सभी ने यात्रियों के सुखद सुरक्षित यात्रा की कामना की. मानसरोवर यात्रा के तीसरे जत्थे में शामिल उत्तराखंड के यात्रियों ने यात्रा के सुविधाओं को जहां बेहतर बताया तो वहीं सालों पुरानी अपनी कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने की इच्छा पूरा होने पर इसे भगवान शिव का आशीर्वाद करार दिया.

बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के उत्तराखंड से शुरू होने के बाद यह तीसरा जत्था है, जो टनकपुर से मानसरोवर यात्रा के तहत अगले पड़ाव के लिए रवाना हुआ है. ये सभी यात्री पिथौरागढ़ होते हुए धारचूला, गुंजी, लिपुलेख दर्रे को पार कर चीन में प्रवेश करेंगे. वहीं, कैलाश मानसरोवर की पवित्र झील की परिक्रमा करेंगे.
अब तक 93 यात्री जा चुके कैलाश मानसरोवर: बता दें कि बीती 4 जुलाई को 45 यात्रियों का पहला जत्था टनकपुर पहुंचा था. जो 5 जुलाई को टनकपुर से अगले पड़ाव के लिए निकला. 8 जुलाई को 48 यात्रियों का दूसरा जत्था टनकपुर पहुंचा था. जिसमें 34 पुरुष और 14 महिलाएं शामिल रहे. जो 9 जुलाई को अगले पड़ाव के लिए बढ़े. वहीं, 12 जुलाई को 46 यात्रियों का तीसरा जत्था पहुंचा. जिसमें 34 पुरुष और 12 महिलाएं शामिल रहे, जो 13 जुलाई को कैलाश मानसरोवर के लिए निकला