Sunday, October 26, 2025
Homeउत्तराखंड“आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड” का सपना हो रहा साकार" – सीएम धामी

“आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड” का सपना हो रहा साकार” – सीएम धामी

पौड़ी की मातृशक्ति ने लिलियम की खुशबू से गढ़ी नई पहचान

प्रति वर्ष 10 लाख आय का लक्ष्य रखा गया है निर्धारित

धामी सरकार के सहयोग से कोट ब्लॉक में की जा रही लिलियम फूलों की खेती

देहरादून/पौड़ी:  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का संकल्प अब धरातल पर खिलता नज़र आ रहा है। जनपद पौड़ी गढ़वाल के कोट ब्लॉक की महिलाएं लिलियम फूलों की खेती से आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की नई कहानी लिख रही हैं। इन फूलों की खुशबू अब न केवल खेतों में, बल्कि महिलाओं के जीवन में भी उम्मीद और समृद्धि की महक भर रही है।

उद्यान विभाग, ग्रामोत्थान परियोजना एवं एनएचएलएम के संयुक्त प्रयासों से कोट ब्लॉक में 22 पॉली हाउस बनाए गए हैं। पहले चरण में आठ पॉली हाउसों में महिला समूहों ने हॉलैंड से आयातित ओरिएंटल और डासिंग स्टार वैरायटी के बल्ब लगाए हैं।

महिलाओं को जिला योजना से 50 प्रतिशत अनुदान, उत्पादन से लेकर विपणन तक हर स्तर पर सहयोग और बाज़ार उपलब्ध कराने की गारंटी सरकार द्वारा दी जा रही है। ए-ग्रेड लिलियम की कीमत 80 रुपये, बी-ग्रेड 70 रुपये और सी-ग्रेड 60 रुपये तक तय की गई है। इससे यहां की महिलाएं प्रति वर्ष 10 लाख रुपये तक की आय का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा –
“उत्तराखण्ड की मातृशक्ति हमारे राज्य का वास्तविक बल है। कोट ब्लॉक की महिलाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि संकल्प और परिश्रम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। यह सिर्फ फूलों की खेती नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, नवाचार और महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल है। हमारी सरकार हर बेटी और हर महिला को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के सपने को साकार करने में हमारी मातृशक्ति सबसे बड़ी सहभागी बनेगी।”

यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रही है, बल्कि प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण, नवाचार आधारित खेती और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की परिकल्पना को नई दिशा दे रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विज़न

“हमारा संकल्प है कि उत्तराखण्ड की हर बेटी और हर महिला अपने सपनों को पंख दे सके।आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड का मार्ग हमारी मातृशक्ति के साहस और मेहनत से ही प्रकाशित होगा। आज पौड़ी की धरती से जो खुशबू उठ रही है, वही कल पूरे उत्तराखण्ड की पहचान बनेगी।”

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