Saturday, December 13, 2025
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सूर्या देव भूमि चैलेंज 2025

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सूर्या देव भूमि चैलेंज 2025 की शुरुआत गढ़वाल हिमालय में भव्य एक्सपो और उद्घाटन समारोह के साथ हुई। भारतीय सेना उत्तराखंड पर्यटन विभाग के सहयोग से एक ऐतिहासिक यात्रा कि शुरुवात कर रही है जो कि गढ़वाल क्षेत्र में रोमांचक गतिविधि, स्थानीय धरोहर, और सतत विकास को एक नवीन उर्जा प्रदान करेगी।

18 अप्रैल, 2025 बहुप्रतीक्षित #सूर्य देव भूमि चैलेंज 2025 आधिकारिक तौर पर 17 अप्रैल को हरसिल में आयोजित एक रोमांचक एक्सपो और 18 अप्रैल को नेलांग घाटी में एक भव्य उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ। उत्तराखंड पर्यटन और रेडियो मिर्ची के सहयोग से भारतीय सेना की सूर्या कमान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के लुभावने गढ़वाल क्षेत्र में रोमांच, विरासत और सतत विकास को साथ मिलाना है।

सूर्य देव भूमि चैलेंज भारत का अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जो 18 अप्रैल से 20 अप्रैल तक तीन दिनों तक चलने वाले चुनौतीपूर्ण अभियान में साइकिलिंग और ट्रेल रनिंग को अनोखे ढंग से एकीकृत करता है। प्रतिभागी जीवंत सांस्कृतिक परिदृश्यों का भ्रमण करेंगे और अपनी शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक शक्ति का परीक्षण करते हुए उत्तराखंड की समृद्ध विरासत का अनुभव करेंगे।

कार्यक्रम का अवलोकनः-

साइकिलिंग अभियान : 18 अप्रैल को 110 किमी मार्ग (नेलांग गंगोत्री – हरसिल – भटवारी)
ट्रेल रनिंग : 19 अप्रैल को 37 किमी मार्ग (भटवारी – बुद्ध केदार)
ट्रेल + वैली रन : 20 अप्रैल को कुल मार्ग (धुद्ध त्रियुगीनारायण सोनप्रयाग) 40 किमी

चैलेंज के दौरान यात्रा किए गए मार्ग उत्तराखंड के कुछ सबसे शानदार और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण परिदृश्यों से होकर गुजरेंगे।

उद्घाटन समारोह में, मुख्यालय उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डी जी मिश्रा ने सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय समुदायों के सहयोगात्मक प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “यह पहल न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि राष्ट्र निर्माण के लिए भी भारतीय सेना की अटूट प्रतिवद्धता का उदाहरण है। हमें हिमालय को स्थायी अवसरों के केंद्र में बदलने में उत्तराखंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने पर गर्व है।”

सूर्या देवभूमि चैलेंज के मुख्य उद्देश्यों में ऐतिहासिक पुराने चार धाम मार्ग को पुनर्जीवित करना, साहसिक और शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, वाइब्रेंट विलेज स्कीम और रिवर्स माइग्रेशन का समर्थन करना और सतत विकास के लिए नागरिक-सैन्य भागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। इस असाधारण आयोजन ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें जमीनी स्तर पर विकास और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर देते हुए साहसिक भावना को बढ़ावा दिया गया। इस चैलेंज को उत्तराखंड पर्यटन, रेडियो मिर्ची (मीडिया एसोसिएट), उत्तरकाशी, नई टिहरी, रुद्रप्रयाग के जिला प्रशासन, स्थानीय पंचायतों और सामुदायिक स्वयंसेवकों सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा समर्थन दिया गया है।

#सूर्य देवभूमि चैलेंज 2025 एक इवेंट से ज्यादा भारत को उसके प्राचीन मागों, समुदायों और रोमांच की असीम भावना से फिर से जोड़ने के लिए समर्पित एक आशा है।

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