Monday, December 23, 2024
spot_imgspot_img
spot_imgspot_img
Homeउत्तराखंडश्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय को आई.सी.ए.आर. की मिली मान्यता

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय को आई.सी.ए.आर. की मिली मान्यता

देश के नामचीन चुनिंदा विश्वविद्यालयों की सूची में शुमार हुआ

एसजीआरआरयू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने दी बधाई

उत्तराखण्ड का पहला प्राईवेट विश्वविद्यालय जिसे आई.सी.ए.आर. की मान्यता मिली

आई.सी.ए.आर. की कड़ी कसौटियों को पूरा करने के बाद मिलती है मान्यता

एसजीआरआरयू में उत्तराखण्ड एवम् यू.पी.के विभिन्न हिस्सों से किसान मेले में जुटे किसान

देहरादून: श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एसजीआरआरयू) को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आई.सी.ए.आर.) की मान्यता मिल गई है। आई.सी.ए.आर. की कड़ी प्रक्रिया एवम् आई.सी.ए.आर. की हर कसौटी पर खरा उतरने के बाद ही किसी विश्वविद्यालय को मान्यता प्रदान की जाती है। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने कुलपति, कुलसचिव, कृषि विभाग की पूरी टीम सहित छात्र-छात्राओं एवम् स्टाफ को इस उपलब्धि पर बधाई दी। आई.सी.ए.आर. की मान्यता मिलने के बाद एसजीआरआरयू देश के नामचीन चुनिंदा विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो गया है। आज बेहद सुखद संयोग रहा कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश से किसान मेले में भाग लेने के लिए किसान जुटे और एसजीआरआरयू को आई.सी.ए.आर की मान्यता मिलने का शुभ समाचार भी प्राप्त हुआ।

बुधवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के पथरी बाग कैंपस में भव्य किसान मेले का आयोजन किया गया। इम्पावरमेंट आॅफ हिल फार्मिंग बाय श्री अन्न एण्ड मेडिकल प्लांट्स इन उत्तराखण्ड विषय पर आयोजित किसान मेला 2024 में उत्तराखण्ड एवम् सीमवावर्ती उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से किसानों एवम् लघु उद्यमियांे ने शिरकत की। देश के पहले गांव माणा से पहुंचे किसानों ने विशेष रूप से किसान मेले की भव्यता बढ़ाई। मुख्य अतिथि के तौर पर विशेष सलाहकार एवं समन्वयक उत्तराखंड मुख्यमंत्री दलबीर सिंह दानू जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर विनय कुमार, प्रबन्ध निदेशक, उत्तरखण्ड ओरगैनिक कम्यूनिटि बोर्ड विशिष्ट अतिथि, वी.पी.डिमरी, मुख्य प्रबन्धक, श्री दरबार साहिब एवम् श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ यशबीर दीवान ने किसान मेले का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में डॉ श्रेया कोटनाला ने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज का शुभकामना संदेश पढ़ कर सुनाया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर यशवीर दीवान ने कहा कि मेले में उपस्थित लोगों की उपस्थिति ने हमारा उत्साह वर्धन किया है। उनका कहना था कि हम अपने किचन गार्डन से जुड़कर भी कृषि को बढ़ावा देने का काम कर सकते हैं। रजिस्ट्रार डॉ अजय कुमार खंडूरी ने कहा कि हमें कृषि उपज के उत्पादन के साथ-साथ उनकी मार्केटिंग भी सीखनी चाहिए ताकि किसान और ज्यादा सशक्त बन सकें । उनका कहना था कि श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय कृषि के क्षेत्र में शैक्षिक एवं आउटरीच गतिविधियां संचालित कर रहा है। किसान मेले के आयोजन के लिए स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर को शुभकामनाएं प्रेषित की।

किसान मेले का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि दलबीर सिंह दानू ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण के उद्देश्य में एक महत्वपूर्णं उद्देश्य स्थानीय किसानों को प्रोत्साहन देना भी रहा है। उत्तराखण्ड भौगोलिक परिस्थितयों के सापेक्ष की जानी वाली खेती, पशुपालन व जड़ी बुटी उद्योग को बढ़ावा मिले इसके लिए सरकार हमेशा प्रयत्नशील रही है। इसी का परिणाम है कि ग्रामीण किसानों को आधुनिक कृषि की जानकारी व उसका सीधा लाभ मिल रहा है। कृषक व लघु उद्यमी किसानी के आधुनिक माडल से जुडें। खादी की उपयोगिता व महत्व को आत्मसात करना होगा। आज खादी एक वस्त्र नहीं विचार है। खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से सरकार राज्य में रोजगार कि अवसर भी दे रही है। उनका कहना था कि किसानों को आत्मनिर्भर बनना होगा इसके लिए हमें कृषि में आधुनिक तकनीक का सामंजस करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार श्री अन्न को प्रमोट करने का काम कर रही है, हम उत्तराखंड में पहले से ही मोटा अनाज उगा रहे हैं केवल हमें उसकी ब्रांडिंग पर ध्यान देना होगा । उनका कहना था कि आज आधुनिकता के कारण हम मोटा अनाज छोड़ रहे हैं जिसके कारण हमारा तन और मन दोनों बीमार हो रहे हैं जैविक कृषि आज समय की मांग है जो स्वस्थ शरीर और मन के लिए भी जरूरी है।

अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर मुख्य अतिथि विनय कुमार ने कहा कि उत्तराखंड को मिलेट्स के लिए जी आई टैग प्राप्त है। आज यहां 2 लाख 30 हजार हेक्टेयर भूमि में मोटे अनाज का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कृषि प्रधान राज्य है और पहाड़ के उत्पाद सुपर एनर्जेटिक हैं सरकार द्वारा श्री अन्न महोत्सव करने के बाद मोटे अनाज के दामों में वृद्धि हुई है जिससे किसानों को काफी फायदा हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा मिलट महोत्सव आयोजित करने के कारण आज हम मोटे अनाज को उगाकर आर्थिक रूप से और मजबूत बन सकते हैं।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ यशबीर दीवान ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से मेले में किसानो एवम उद्यमियों को 100 से अधिक स्टाल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए गए। किसान मेले में कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को आधुनिक किसानी की बारीकियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर विश्वविद्यालय में हर साल किसान मेले का आयोजन किया जाएगा।

कृषि संगोष्ठी में किसानों को आधुनिक कृषि की बारीकियों से रूबरू करवाया गया। उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई मिट्टी का मृदा परीक्षण विशेषज्ञों की देखरेख में किया गया। किसान मेले में उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक कृषि की तकनीकों एवम् उत्पादन की विधाओं पर भी मंथन हुआ। किसान मेले में में पहाड़ी व्यंजन जैसे मंडुए की रोटी, पहाड़ी राजमा, झंगोरे की खीर, कोदे की रोटी, आरसे रोटने जैसे उत्पादों को भी लोगों ने खूब पसंद किया। पशु चिकत्सकों ने किसानों को पशुओं की देखरेख व बीमारियों से बचाव की जानकारी दी। एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक के अधिकारियों ने किसानों को लघु उद्योग शुरू किए जाने के बारे मंे सरकारी योजनाओं से अवगत करवाया। श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों ने किसान एवम् किसानी से जुड़ी समस्याआं के समाधान दिए।

किसान मेले में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ अजय कुमार खण्डूडी, विश्वविद्यालय समन्वयक डाॅ आर.पी. सिंह, कृषि विभाग की डीन डाॅ प्रियंका बनकोटी, विजय नौटियाल, अधिकृृत हस्ताक्षरी प्रबन्धक दरबार साहिब, मनोज तिवारी मुख्य कुलानुशासक एवम् प्रवक्ता सहित सभी विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, फेकल्टी सदस्य, छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में किसान, लघु उद्यमी व दूनवासियों ने प्रतिभाग किया।

यह भी पढ़े: उच्च शिक्षा में शोध, छात्रवृत्ति व निःशुल्क कोचिंग का मिलेगा अवसर

RELATED ARTICLES

Video Advertisment

Advertismentspot_imgspot_img

Most Popular