देहरादून: उत्तराखंड में स्मार्ट मीटरों के बढ़ते विवाद के बीच राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने बुधवार को उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) के मुख्यालय ऊर्जा भवन, देहरादून में जोरदार प्रदर्शन किया।
पार्टी के कार्यकर्ताओं ने स्मार्ट मीटरों से बढ़े बिजली बिलों और पारदर्शिता की कमी को लेकर जमकर नारेबाजी की और ऊर्जा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान मुख्यालय पहुंचे अधीक्षण अभियंता डी.एस. पंवार ने पार्टी के प्रतिनिधियों से वार्ता की और समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।
हालांकि प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि 15 दिन के भीतर स्मार्ट मीटरों से जुड़ी शिकायतों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और भी उग्र किया जाएगा।
पार्टी नेताओं ने रखी मांगें और सौंपा ज्ञापन
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के जिला अध्यक्ष नवीन पंत ने यूपीसीएल अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद उपभोक्ताओं को सामान्य से कई गुना अधिक बिजली बिल मिल रहे हैं, जिससे लोगों में भारी आक्रोश है।
पंत ने कहा कि “हमारी पार्टी सदैव उपभोक्ताओं के हित में खड़ी रही है, लेकिन वर्तमान में स्मार्ट मीटरों की स्थापना से उपभोक्ता आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं।”
संजीव घिल्ड़ियाल ने कहा कि ऊर्जा विभाग द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना या सहमति के पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी हो रही है और उपभोक्ताओं को अचानक भारी-भरकम बिलों का सामना करना पड़ रहा है।
किसान एकता मंच के प्रवीण सिंह ने कहा कि “राज्यभर में उपभोक्ता स्मार्ट मीटरों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लोग पारदर्शी और सटीक बिलिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग मौन है।”
वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश ईष्टवाल ने कहा कि स्मार्ट मीटरों की गड़बड़ियां न केवल उपभोक्ताओं के आर्थिक बोझ को बढ़ा रही हैं, बल्कि राज्य सरकार की ‘स्मार्ट एनर्जी पॉलिसी’ की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर रही हैं।
ज्ञापन में रखी गई मुख्य मांगें:
- सभी प्रभावित उपभोक्ताओं के स्मार्ट मीटरों की स्वतंत्र जांच कर दोषपूर्ण मीटरों को बदला जाए।
- बढ़ी हुई रीडिंग वाले बिलों का पुनर्मूल्यांकन कर अतिरिक्त राशि की वापसी सुनिश्चित की जाए।
- मीटर लगाने से पहले उपभोक्ताओं की लिखित सहमति अनिवार्य की जाए।
- शिकायत निवारण के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जाए जो 15 दिनों में सभी शिकायतों का समाधान करे।
- उपभोक्ताओं को जागरूक करने और स्मार्ट मीटरों की सटीकता पर पारदर्शी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
पार्टी ने यूपीसीएल को अल्टीमेटम दिया है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र संज्ञान नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, सुलोचना ईष्टवाल, योगेश ईष्टवाल, नवीन पंत, बी.पी. नौटियाल, सुभाष नौटियाल, संजीव घिल्ड़ियाल, प्रवीण बालियान, मीना थपलियाल, रजनी कुकरेती, रेनू नवानी, शांति चौहान, सुमन रावत, रंजना नेगी, प्रीतम नेगी और सुमित थपलियाल समेत अनेक पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।




