देहरादून: वोटर जागरूकता में जनसंपर्क की भूमिका पर पीआरएसआई देहरादून चैप्टर द्वारा शनिवार को राउंड टेबल कांफ्रेंस आयोजित की गई। इसमें उत्तराखंड में अपेक्षाकृत कम वोट प्रतिशत के कारणों और इसे बढ़ाए जाने पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। मुख्य वक्ता समाजसेवी अनूप नौटियाल ने उत्तराखंड में पिछले लोकसभा चुनावों में वोट प्रतिशत के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि पहले की अपेक्षा उत्तराखंड में लोकसभा चुनावों में वोट प्रतिशत बढ़ा है, परंतु हम अभी भी राष्ट्रीय औसत से कम हैं। इस गैप को कम करने के लिए दीर्घकालीन योजना पर गंभीरता से काम किए जाने की जरूरत है। इसे एक सामाजिक दायित्व की तरह लेना होगा। युवा वर्ग को विशेष रूप से प्रेरित करना होगा। वोटर जागरूकता कार्यक्रमों में जनसहभागिता बढ़ानी होगी।
उपनिदेशक सूचना और निर्वाचन में नोडल मीडिया रवि बिजारनीया ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वोट प्रतिशत को बढ़ाए जाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम के निर्देश पर मतदान शपथ का अभियान चलाया गया। युवाओं को प्रेरित करने के लिए सोशल मीडिया पर खास तौर पर फोकस किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की सोशल मीडिया एक्टिविटीज की भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भी सराहना की है। कांफ्रेंस में प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर बताया गया कि वोटर आईडी ना होने पर आधार कार्ड सहित 12 अन्य पहचान पत्रों का उपयोग किया जा सकता। मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। वोटर हेल्प लाइन एप से मतदाता सूची में अपने नाम की जांच के साथ ही मतदान केंद्र की जानकारी भी ली जा सकती है।