देहरादून:11वीं के छात्रसभी बदलाव राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT ) की किताबों में सीबीएसई के कोर्स में किए गए हैं। उत्तराखंड के कवि सुमित्रा नंदन पंत को अब कक्षा 11वीं के छात्र नहीं पढ़ पाएंगे। उनकी कविता ‘वे आंखें’ पूरा पाठ ही नए सत्र 2023-24 के पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है। इसके अलावा मीराबाई का ‘पग घुंघरू बांधि मीरा नाची’ और कबीर का ‘संतो देखत जग बौराना’ पद भी हटा दिया गया है।इसके अलावा 12वीं कक्षा की कंप्यूटर साइंस की पाइथन किताब में सीक्वेंशियल क्वेरी लैंग्वेज (एसक्यूएल) हटाया गया है।
यह सभी बदलाव राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों में सीबीएसई के कोर्स में किए गए हैं। केंद्रीय विद्यालय समेत अन्य स्कूलों में भी सीबीएसई पैटर्न चलता है।
सिर्फ उत्तराखंड ही नहीं बल्कि अन्य प्रदेशों में भी पुस्तिकाओं से यह पाठ हटाए गए हैं।
भारत के महान कवि और लेखकों को स्कूलों की किताबों में शामिल किया जाता है। ताकि, बच्चे उनके बारे में जान सकें, लेकिन शैक्षिक स्तर में लगातार बदलाव होने की वजह से महान लेखक और कवि की रचनाएं पाठ्यक्रम से हटाई जा रही हैं। कबीर, मीरा और सुमित्रा नंदन पंत को बरसों से छात्र पढ़ते आ रहे हैं, लेकिन अब इनकी रचनाएं पाठ्यक्रम से हटाए जाने से नई पीढ़ी इन्हें कैसे जानेगी।
कौसानी में हुआ था पंत का जन्म
सुमित्रा नंदन पंत का जन्म उत्तराखंड के कौसानी में हुआ था। उनके पिता गंगा दत्त पंत एक जमींदार थे। पंत का बचपन कौसानी गांव में ही बीता। कौसानी गांव की प्राकृतिक खूबसूरती की वजह से महात्मा गांधी ने इसे भारत का ‘स्विट्जरलैंड’ कहा था।
यह चैप्टर हटाए गए
हिंदी 12वीं
आरोह भाग-2
– काव्य खंड :
गजानन माधव मुक्तिबोध – सहर्ष स्वीकारा
फिराक गोरखपुरी – गजल
– गद्य खंड –
चार्ली चैप्लिन यानी हम सब (पूरा पाठ)
रजिया सज्जाद जहीर – नमक (पूरा पाठ)
वितान भाग-2 – एन फ्रैंक – डायरी के पन्ने
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