देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल एवं जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के निर्देशानुसार जनपद देहरादून के दूरस्थ क्षेत्र स्थान-एकलव्य माॅडल, रेजीडेंशियल स्कूल कालसी, देहरादून, उत्तराखण्ड के परिसर में बहुउद्देशीय विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ न्यायमूर्ति, मनोज तिवारी ने दीप प्रजव्वलन से किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, वरिष्ठ न्यायाधीश, उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, नैनीताल कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल रहें, जिनके द्वारा अपने सम्बोधन में बताया गया कि न्याय तक पहुॅच कानून के नियमांे की संकल्पना के आवश्यक तत्वों मंे से एक है, संवैधानिक परिकल्पना, न्याय को समान आधार पर बढ़ावा देने का प्रावधान करने के साथ-साथ यह भी सुनिश्चित करती है कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक या अन्य अक्षमता के कारण न्याय से वंचित न रहें। इसी भावना के अनुरूप विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 अधिनियमित किया गया है, जिसमें उन लोगों की विशिष्ट श्रेणियों को सूचीबद्ध किया गया है, जो मुफ्त कानूनी सेवा प्राप्त करने के हकदार है।
इस अधिनियम के अंतर्गत ही देश के उपेक्षित वर्गो तक न्याय की पहुॅच को सुगम बनाने हेतु राष्ट्रीय, राज्य, जिला स्तर पर विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन किया गया है, जो सभी के लिये न्याय प्राप्त करने के समान अवसर सुनिश्चित करते हुए समाज के निर्बल वर्गों को आवश्यक विधिक सेवायें प्रदान कर रहे हैं। समाज के उपेक्षित और बहिष्कृत समूहों को प्रभावी कानूनी प्रतिनिधित्व, कानूनी साक्षरता और जागरूकता प्रदान करते हुए एवं कानूनी रूप से उपलब्ध लाभों तथा हकदार लाभार्थियों के बीच के अंतर को भरते हुए उन्हें कानूनी रूप से सशक्त बनाना ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य ध्येय है। इसके अतिरिक्त विवादों का अनौपचारिक, त्वरित, सस्ता व प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिये लोक अदालतों और अन्य वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र प्रणाली को मजबूत बनाना भी इसका उद्देश्य है। उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि इस शिविर का उद्देश्य आम जनमानस को सरकार की समस्त लाभकारी योजनाओ का वास्तविक लाभ उपलब्ध कराना है। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उत्तराखण्ड के समस्त जिलो मे सक्रिय रूप से विधिक सेवा उपलब्ध कराने के साथ साथ कानून की जानकारी के लिये प्रचार प्रसार कराते है तथा समाज के हित के लिये लगातार कार्य करते है। उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सहदेव सिंह द्वारा भी विभिन्न कानूनों के सम्बध में जानकारी दी गयी। इस कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि एवं सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत एकलव्य माॅडल रेजीडेंशियल, कालसी के छात्रों द्वारा प्रारम्परिक वेशभूषण में ढ़ोल-दमाउ एवं तिलक लगाकर किया गया। अतिथियों का स्वागत जनपद देहरादून के जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रदीप पंत जी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के आयोजन में एकलव्य आर्दश आवासीय विद्यालय की प्रधानाचार्य सुधा पैन्यूली, समस्त अध्यापक एवं छात्र का उपस्थित रहें, जिनके द्वारा शिविर के आयोजन में पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया। जगतबंधु सेवा ट्रस्ट, देहरादून द्वारा महंत इन्द्रेश अस्पताल के चिकित्सकों के माध्यम से व्यक्तियों की जाॅचें की गयी व निशुल्क दवाईया भी वितरित की गयी। एवं साई इंस्टीट्यूट, देहरादून की टीम द्वारा भी कार्यक्रम में सहयोग किया गया। एन0 आई0 बी0 एच0 देहरादून के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून द्वारा 15 दिव्यांग जनों को उपकरण भी वितरित किये गये। कार्यक्रम में जिला समाज कल्याण अधिकारी गोर्वधन सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी, कालसी, जिला पशु चिकित्साधिकारी, डाॅ सुनील शर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी, मीना बिष्ट द्वारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये तथा साई इंस्टीटयूट की टीम द्वारा तपेदिक रोग के सम्बंध में प्रचार-प्रसार एवं जागरूकता के लिये नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया। इफकाई विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा भी नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया तथा बालिका निकेतन, केदारपुरम देहरादून की बालिकाआंे द्वारा योगा नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में पराविधिक कार्यकर्तागण एवं छात्रों को उनके अच्छे कार्योें के लिये प्रशस्ति पत्रध्प्रमाणपत्र भी वितरित किये गये।
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