Tuesday, October 28, 2025
Homeउत्तराखंडउत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार, कल भी जारी रहेगी...

उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार, कल भी जारी रहेगी सुनवाई

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण रोस्टर निर्धारण के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई की. अगली सुनवाई 26 जून को भी जारी रखी है. तब तक चुनाव प्रक्रिया पर रोक जारी रहेगी.

बुधवार 25 जून को मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में दोपहर बाद करीब दो घंटे से अधिक समय तक सुनवाई हुई. कोर्ट के पास समय की कमी के कारण न्यायालय में कल भी सुनवाई जारी रहेगी. सुनवाई पर अदालत ने कहा कि वो चुनाव नहीं कराने के पक्ष में नहीं, नियमों के तहत कराने के पक्ष में है.

सरकार की ओर से महाधिवक्ता व मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने पक्ष रखते हुए बताया कि पिछड़ा वर्ग समर्पित आयोग की रिपोर्ट के बाद आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित करना एकमात्र विकल्प था. 9 जून को जारी यह रूल्स 14 जून को गजट नोटिफाई हो गया था, जबकि याचिकाकर्ताओं ने उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम व संविधान के अनुच्छेद 243 टी व अन्य का उल्लेख करते हुए कहा कि आरक्षण में रोस्टर अनिवार्य है. यह संवैधानिक बाध्यता है.

इस मामले में सरकार की ओर से यह भी तर्क रखा गया कि कुछ याचिकाकर्ताओं के कारण सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को रोका नहीं जा सकता है. हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि कितनों सीटों पर आरक्षण रोस्टर की पुनरावृत्ति हुई है? क्या यह पंचायत राज एक्ट व संविधान के अनुच्छेद 243 टी का उल्लंघन नहीं है? सभी पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं की सुनवाई 26 जून गुरुवार को भी जारी रखी है.

आरक्षण नियमावली को मिली है चुनौती: बागेश्वर निवासी गणेश कांडपाल और अन्य ने राज्य सरकार द्वारा 9 जून व 11 जून को जारी नियमावली को हाईकोर्ट में याचिका दायर करके चुनौती दी थी. सरकार ने इस नियमावली में राज्य में अबतक के आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित कर दिया था. आरक्षण का नया रोस्टर जारी कर उसे पहली बार वर्तमान चुनाव से लागू माना.

15 से अधिक याचिकाओं पर साथ होगी सुनवाई: याचिकाकर्ता के मुताबिक, एक तरफ सरकार का यह नियम कोर्ट के पूर्व में जारी आदेश के खिलाफ है. दूसरा पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 126 के अनुसार कोई भी रूल तभी प्रभावी माना जाएगा, जब उसका सरकारी गजट में प्रकाशन होगा.

वहीं, एकलपीठ में भी करीब 15 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई. उन मामलों को भी एकलपीठ ने खंडपीठ में सुनवाई के लिए भेज दिया है. अब इस बात को लेकर तरह तरह की चर्चाएं हैं कि 14 जून को गजट नोटिफिकेशन के होने के बाद भी सचिवालय सहित अन्य संस्थाओं को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी?

 

 

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_imgspot_img
- Advertisment -spot_imgspot_img

-Video Advertisement-

- Advertisement -spot_imgspot_img

Most Popular