देहरादून: बुजुर्ग लोगों और बीमारियों और COVID-19 से पीड़ित लोगों को चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड जाने से पहले अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराने को कहा गया है। चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की मौत के बाद गठित एक विशेषज्ञ समिति ने कहा कि COVID-19 के कारण मैदानी इलाकों से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा करने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। पैनल की रिपोर्ट के अनुसार, चारधाम यात्रा के दौरान मरने वाले 60 प्रतिशत से अधिक तीर्थयात्री गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। 3 मई को चार धाम यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 112 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। राज्य की स्वास्थ्य सचिव राधिका झा ने कहा कि समिति ने सुझाव दिया है कि बुजुर्ग और कोरोनावायरस और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों को स्वास्थ्य जांच के बाद ही यात्रा करनी चाहिए।
रविवार को सौंपी गई पैनल की रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि लोगों को यात्रा के दौरान किसी विशेष स्थान के अनुकूल होने के लिए 20-48 घंटे बिताने चाहिए। झा ने कहा कि अब तक यात्रा के लिए अयोग्य पाए गए 87 लोगों को वापस जाने के लिए कहा गया है, यात्रा मार्ग पर 50 वर्ष से अधिक आयु के सभी तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों को त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए पहली बार एक एयर एम्बुलेंस सेवा की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सा इकाइयों में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति भी उपलब्ध है।
हृदय रोग से पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को प्रशिक्षित कर यात्रा मार्ग के प्रमुख अस्पतालों में तैनात किया गया है।
यह भी पढ़े: http://अल्पसंख्यक मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने हज यात्रा का पहला ग्रुप अमौसी एयरपोर्ट से रवाना किया