
उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम, रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से बदलेगा तराई-भाबर का स्वास्थ्य परिदृश्य
रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज से सिडकुल कर्मचारियों को सीधा स्वास्थ्य लाभ, औद्योगिक इकाइयों में कार्य करने वाले श्रमिकों और कर्मचारियों को अब दुर्घटना, गंभीर बीमारी या आपातकालीन स्थिति में इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा दूर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सशक्त मार्गदर्शन और चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट दिशा-निर्देशों में उत्तराखण्ड ने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के लक्ष्य की ओर अग्रसर धामी सरकार ने राजकीय मेडिकल कॉलेज, रुद्रपुर को 300 बेड चिकित्सालय एवं 100 एमबीबीएस सीटों की स्वीकृति प्रदान की है। इस मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से तराई-भाबर क्षेत्र के साथ-साथ सीमांत और पर्वतीय क्षेत्रों के लाखों लोगों को सुलभ, आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह संस्थान न केवल बेहतर उपचार सुविधाओं का केंद्र बनेगा, बल्कि चिकित्सा शिक्षा, जनस्वास्थ्य कार्यक्रमों, आपदा प्रबंधन और रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड को नई मजबूती प्रदान करेगा। रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज प्रदेश की स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक दूरदर्शी और प्रभावी कदम है। कुल मिलाकर, राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और रोजगार-तीनों क्षेत्रों में उत्तराखण्ड को एक मजबूत आधार प्रदान करेगा और प्रदेश के समग्र विकास में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
बेहतर और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
300 बेड चिकित्सालय के संचालन से क्षेत्र में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार होगा। मरीजों को जांच, उपचार और देखभाल की बेहतर व्यवस्थाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। जिससे इलाज की गुणवत्ता में निरंतर सुधार होगा। इससे आम जनता को भरोसेमंद और समयबद्ध स्वास्थ्य सेवाएं मिल पायेंगी।
24×7 आपातकालीन एवं गंभीर रोगों का उपचार
राजकीय मेडिकल कॉलेज रुद्रपुर में 24×7 आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध होने से दुर्घटनाओं, गंभीर बीमारियों और जटिल मामलों में त्वरित उपचार संभव हो पायेगा। एक ही संस्थान में इमरजेंसी और विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होने से मरीजों को तत्काल राहत मिलेगी।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थायी तैनाती
मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्थायी उपलब्धता से अब मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों या अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता नहीं पडेगी। इससे न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि मरीजों को निरंतर और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा परामर्श भी मिल सकेगा।


