
देहरादून: सूबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आज कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ अपने कैंप कार्यालय में बैठक कर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
बैठक में कृषि मंत्री ने प्रदेश में टिशू कल्चर को बढ़ावा देने पर विशेष जोर देते हुए गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडल में एक-एक टिशू कल्चर लैब स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टिशू कल्चर तकनीक किसानों को कम लागत, कम जोखिम और अधिक आय का अवसर प्रदान करेगी। यह खेती को आधुनिक, वैज्ञानिक और व्यावसायिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।
कृषि मंत्री जोशी ने टिशू कल्चर को प्रोत्साहित करने हेतु विभागीय अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना तैयार करने के साथ-साथ किसानों को अधिक लाभ देने वाली फसलों की ओर प्रेरित कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के निर्देश दिए। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने एरोमा सेक्टर की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में लैवेंडर, डेंडेलाइन जैसी फसलों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि एरोमा के क्षेत्र में अधिक से अधिक किसानों को जोड़ते हुए नवाचार आधारित कार्य किए जाएं। साथ ही कृषि एवं उद्यान क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं इनोवेटिव कार्य कर रहे निजी संस्थानों को भी योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया।
बैठक के दौरान मंत्री ने विदेशी बाजारों में निर्यात होने वाले कृषि एवं उद्यान उत्पादों की अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप जांच के लिए राज्य में टेस्टिंग लैब की डीपीआर शीघ्र तैयार करने तथा इसके लिए उपयुक्त भूमि चिन्हित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना से संबंधित सभी आवश्यक कागजी कार्यवाही जल्द पूर्ण कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश भी दिए।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों से कहा कि सभी योजनाएं समयबद्ध एवं प्रभावी ढंग से धरातल पर उतरें, इसके लिए अधिकारी पूरी निष्ठा और मनोयोग से कार्य करें, ताकि किसानों को योजनाओं का वास्तविक लाभ मिल सके।
इस अवसर पर कृषि उद्यान महानिदेशक वंदना सिंह, निदेशक बागवानी मिशन महेंद्र पाल, एके उपाध्याय, संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।


