
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सुरक्षा से जुड़ी तमाम लापरवाही पहले भी कई बार सामने आ चुकी है. गुरुवार को सीएम सुरक्षा से जुड़ी एक और बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. दरअसल, जब मुख्यमंत्री सचिवालय से रवाना हो रहे थे, उस दौरान सीएम फ्लीट में लगी पायलट कार खराब हो गई. जिस कारण सीएम की फ्लीट बिना पायलट कार के ही रवाना हो गई. हैरानी की बात ये है कि सीएम की फ्लीट जैसे ही सचिवालय से बाहर निकली, फ्लीट के लिए सचिवालय गेट पर खड़ी इंटरसेप्टर कार भी मौके पर खराब हो गई. ऐसे में सीएम के रवाना होने के बाद पायलट कार और इंटरसेप्टर को धक्का मारकर स्टार्ट करना पड़ा. इस मामले में देर शाम एसएसपी देहरादून ने कार्रवाई करते हुए पायलट कार के आरक्षी चालक को निलंबित किया. साथ ही पूरे मामले की जांच सीओ ट्रैफिक को सौंपी गई.
दरअसल, मुख्यमंत्री धामी गुरुवार को सचिवालय में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा बैठक कर रहे थे. बैठक संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गढ़ी कैंट स्थित हिमालय सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस कार्यक्रम के लिए रवाना हो रहे थे. जैसे ही सीएम की फ्लीट सचिवालय से रवाना हुई, इस दौरान सीएम फ्लीट में लगी पायलट कार बंद पड़ गई.
कई बार स्टार्ट करने की कोशिशों के बावजूद कार स्टार्ट नहीं हुई. इसके बाद सीएम की फ्लीट, पायलट कार को वहीं छोड़कर रवाना हो गई. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जब सीएम की फ्लीट सचिवालय गेट से बाहर निकल रही थी, उस दौरान फ्लीट को रास्ता दिखाने के लिए खड़ी पुलिस की इंटरसेप्टर कार भी खराब हो गई. जिस कारण सीएम की फ्लीट सचिवालय गेट पर ही रुक गई. इसके बाद पुलिस प्रशासन और तमाम लोगों ने मिलकर इंटरसेप्टर को धक्का दिया. फिर जाकर सीएम की फ्लीट सचिवालय गेट से बाहर निकली.

सीएम फ्लीट में लगी इंटरसेप्टर को धक्का लगाते पुलिस और कर्मचारी.
ऐसे में एक बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिरकार मुख्यमंत्री की सुरक्षा को लेकर इतनी लापरवाही कैसे बढ़ती जा रही है, जबकि सीएम सुरक्षा में लगे वाहन हमेशा से ही चुस्त और दुरुस्त रहने चाहिएं. आलम ये है कि उत्तराखंड सरकार, पुलिस विभाग को बेहतर और आधुनिकीकरण के लिए हर साल भारी भरकम बजट देती है. बावजूद इसके सीएम धामी के फ्लीट में ही खराब वाहनों को तैनात किया गया है. जिस कारण पुलिस विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
पहले भी हो चुकी है सुरक्षा में चूक: मुख्यमंत्री धामी की सुरक्षा में चूक के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं. इसी साल जुलाई माह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गए थे. उस दौरान सीएम की सफारी में इस्तेमाल की गई जिप्सी की फिटनेस पांच साल पहले समाप्त हो चुकी थी. इसके बाद वन विभाग ने इसकी जांच की थी और संबंधित चालक और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी की थी.

सीएम फ्लीट में मौजूद पायलट कार को धक्का लगाते पुलिस और कर्मचारी.
इसके अलावा, ऐसे ही लापरवाही देखने को मिली थी जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की फ्लीट सचिवालय गेट से निकल रही थी. उसे दौरान सचिवालय गेट पर एक निजी कार खड़ी होने के चलते मुख्यमंत्री की फ्लीट को आधा घंटा तक गेट पर ही इंतजार करना पड़ा था.
पायलट कार का चालक निलंबित: वहीं देर शाम तक सीएम की फ्लीट में नियुक्त वाहन चालक द्वारा फ्लीट मूवमेंट के दौरान पालयट वाहन स्टार्ट नहीं कर पाने पर एसएसपी देहरादून द्वारा आरक्षी चालक दीपक सैनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. उधर, वीआईप फ्लीट में नियुक्त समस्त वाहनों की मेंटेनेंस बुक को चेक किया गया जिसमें मेंटेनेंस बुक (लॉग बुक) में सभी वाहनों की मेंटेनेंस सही पाई गई. फिर भी किस कारण से पायलट वाहन स्टार्ट नहीं हुआ? इस संबंध में विस्तृत जांच जगदीश पंत सीओ ट्रैफिक को सौंपी गई है.
| फ्लीट में पायलट और इंटरसेप्टर कार का काम:किसी भी वीआईपी फ्लीट में सबसे आगे जो गाड़ी चलती है, वो पायलट कार होती है जिसमें पुलिस कर्मी मौजूद होते हैं. जब कोई भी वीआईपी कहीं मूव करते हैं तो जरूरत पड़ने पर हूटर पायलट कार ही बजाती है. VIP की सुरक्षा में दो पायलट कार लगी होती हैं. एक फ्लीट के सबसे आगे और एक फ्लीट के सबसे पीछे चलती है. जबकि इंटरसेप्टर कार ट्रैफिक की होती है, जो VIP को रास्ता दिखाते हुए कुछ दूरी तक फ्लीट के आगे चलती है. साथ ही ट्रैफिक को क्लियर करती है. |


