
मेरठ : प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) देशभर में संचालित है. ऐसे में प्रदेश में फिर एक बार काफी समय के बाद किसानों को अनुदान पर सोलर पम्प पाने का अवसर मिलने जा रहा है. 15 दिसंबर तक आवेदन किये जा सकते हैं. इस योजना के तहत सेंकड़ों किसानों को लाभ मिल सकता है. किसान कैसे पंजीकरण कराएं, कैसे लाभ मिलेगा, क्या है पूरी प्रक्रिया? इस बारे में मेरठ के उप कृषि निदेशक नीलेश चौरसिया ने जानकारी दी.
उप कृषि निदेशक नीलेश चौरसिया ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम योजना) के अंतर्गत किसानों को अनुदान पर सोलर पम्प पाने का अवसर अन्नदाताओं के पास है. उन्होंने बताया कि मेरठ जिले में भी इस योजना के तहत सेंकड़ों किसानों को लाभ मिल सकता है.
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत 306 किसानों को लाभ मिल सकता है. 15 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन https://agriculture.up.gov.in पर कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि लक्ष्य से अधिक अगर बुकिंग होती है तो फिर जनपद स्तरीय गठित समिति की मौजूदगी में ई-लाटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि जो किसान ऑनलाइन बुकिंग के लिए पंजीकरण कराएंगे उन्हें पांच हजार रुपये टोकन मनी भी ऑनलाइन जमा करानी होगी. पोर्टल पर जिलेवार 2 एचपी और 3 एचपी का लक्ष्य है, वहीं किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार भी सोलर पम्प का चयन कर आगे बढ़ सकते हैं.
उन्होंने बताया कि 2 एचपी (हॉर्स पावर) के लिए 4 इंच बोरिंग, 3 एवं 5 एचपी (हॉर्स पावर) के लिए 6 इंच, 7.5 इंच और 10 एचपी (हॉर्स पावर) के लिए 8 इंच की बोरिंग होना जरूरी है. खास बात ये है कि सत्यापन के समय अगर किसान के खेत में बोरिंग नहीं पाई जाएगी तो टोकन मनी की धनराशि जब्त कर ली जाएगी और आवेदन भी निरस्त हो जाएगा.
इन बातों का भी रखें ध्यान : 22 फीट तक 2 एचपी, सरफेस, 50 फीट तक 2 एचपी, सबमर्सिबल, 150 फीट तक 3 एचपी सबमर्सिबल, 200 फीट तक 5 एचपी सबमर्सिबल, 300 फीट तक की गहराई पर उपलब्ध जल स्तर के लिए 7.5 एचपी और 10 एचपी सबमर्सिबल सोलर पंप उपयुक्त होते हैं.जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि किसानों की ओर से की गई बुकिंग को कंफर्म करने के बाद इसका मैसेज किसानों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर पहुंच जाएगा. कृषकों को बुकिंग कंफर्म होने के बाद निर्धारित अवधि के अंदर अवशेष कृषक अंश की धनराशि ऑनलाइन टोकन जनरेट कर चालान द्वारा इंडियन बैंक की किसी भी शाखा में अथवा ऑनलाइन जमा करनी होगी.
ये भी है नियम और शर्त : उन्होंने बताया कि कृषक सोलर पंप स्थापित होने के बाद स्थान परिवर्तन नहीं करेंगे, यदि स्थान परिवर्तन किया जाता है, तो अनुदान की सम्पूर्ण धनराशि किसान से वसूल कर ली जाएगी.
प्रदेश में सिंचाई के लिए विद्युत रहित क्षेत्रों में उपयोग किए जा रहे डीजल पंप अथवा अन्य सिंचाई साधनों को सोलर पंप में परिवर्तित किया जा सकेगा. इसके अलावा जिन किसानों के ट्यूबवेल पर सोलर पंप की सुविधा दी जाएगी, ऐसे लाभार्थियों को भविष्य में भी उस बोरिंग पर विद्युत कनेक्शन नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि दोहित और अत्ति दोहित क्षेत्रों में नए सोलर पंपों की स्थापना नहीं की जाएगी, यदि कृषक सूक्ष्म सिंचाई तकनीकी का उपयोग कर रहा है, तो पूर्व से स्थापित डीजल पंप सेटों को सोलर पंप में परिवर्तित किया जा सकता है, लेकिन अगर नहीं कर रहा है, तो उसे सूक्ष्म सिंचाई तकनीकी का लाभ प्राप्त करने के लिए उद्यान विभाग का त्रिपक्षीय अनुबंध सत्यापन के समय उपलब्ध कराने के बाद ही सोलर पंप का लाभ दिया जाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो 5000 टोकन मनी जब्त कर ली जाएगी.


