लखनऊ : वाराणसी में 30 लाख रुपये के अतिरिक्त भुगतान को लेकर नगर निकाय विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. जिसमें अधिकारियों को उनके दायित्व से हटा दिया गया है. इसके अलावा जांच का आगाज भी किया गया है. इस संबंध में सरकार की ओर से किसी भी दोषी को ना बख्शने की हिदायत दी गई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नगर विकास विभाग ने नगर निकायों में सुशासन, पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक और सख्त कदम उठाया है. प्रमुख सचिव, नगर विकास अमृत अभिजात ने वाराणसी में तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, उप नगर आयुक्त, नगर निगम, के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.
तत्कालीन अधिशासी अधिकारी पर वर्ष 2018-19 के दौरान वाराणसी स्थित नगर निगम के अंतर्गत लगभग 30 लाख रुपये के वित्तीय प्रकरण में अनियमित तरीके से भुगतान कराने का आरोप है. यह भुगतान उस आदेश संख्या 4350/2018 के विरुद्ध किया गया, जिसके अनुसार 50
हजार रुपये से अधिक की धनराशि भुगतान के लिए शासन की स्वीकृति अनिवार्य थी.
प्रकरण में प्रथम दृष्टया नियम विरुद्ध कार्यवाही पाए जाने पर नगर विकास विभाग ने उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक जांच की संस्तुति की है. इस संबंध में अपर आयुक्त (प्रशासन), मुरादाबाद मंडल को जांच अधिकारी नामित किया गया है. जांच पूरी होने तक तत्कालीन अधिशासी अधिकारी को उनके वर्तमान दायित्व से कार्यमुक्त कर दिया गया है.