
अलीगढ़ : सीएम योगी रविवार को अलीगढ़ पहुंचे. कलेक्ट्रेट परिसर में जिले के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ एक घंटे तक समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री ने मंडल में चल रही विकास परियोजनाओं की प्रगति पर जानकारी ली. सांसद और विधायक भी बैठक में मौजूद रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चुनाव को देखते हुए मतदाता विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR) सबसे महत्वपूर्ण कार्य है और इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव सिर्फ प्रशासन के भरोसे नहीं जीते जाते. पार्टी कार्यकर्ताओं को खुद मैदान में उतरकर SIR के काम में पूरी गंभीरता से जुटना होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा फर्जी वोटरों के मामले अलीगढ़ और मुजफ्फरनगर में मिल रहे हैं, इसलिए यहां विशेष सावधानी की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि वे खुद निगरानी करें और किसी भी पात्र मतदाता को सूची से छूटने न दें.
विपक्ष साइलेंट रूप से काम कर रहा : मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों की रणनीति पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी गंभीरता के साथ मतदाता सूची में अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है और साइलेंट रूप से काम कर रहा है. ऐसे में सत्ताधारी दल के कार्यकर्ताओं को भी दोगुनी मेहनत करने की जरूरत है. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि यदि किसी कार्यकर्ता के घर शादी या अन्य निजी कार्यक्रम भी हो, तब भी परिवार का कोई सदस्य SIR के काम में लगा रहे. यह काम किसी भी तरह से अधूरा नहीं छोड़ा जाना चाहिए.
कार्यकर्ता कामकाज छोड़ SIR में जुट जाएं : मुख्यमंत्री ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता ही निष्पक्ष चुनाव की मूल कुंजी है और भविष्य के चुनावों का परिणाम काफी हद तक इसी पर निर्भर करेगा. यही वजह है कि पार्टी हाईकमान भी इस प्रक्रिया को अत्यंत संवेदनशील मान रहा है. उन्होंने संगठन के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अन्य सभी कामकाज कुछ समय के लिए अलग रखकर पूरी ताकत के साथ SIR में जुट जाएं, ताकि मतदाता सूची को त्रुटि रहित और विश्वसनीय बनाया जा सके.
नगर आयुक्त ने एक्शन लेते हुए नगर स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी अधिकारी रामानंद त्यागी का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया और कारण बताओ नोटिस जारी किया है. अनूपशहर बाईपास पर स्थिति और खराब मिली. यहां सफाई कर्मचारियों की संख्या कम पाई गई और सुपरवाइजर भी मौके से गायब थे. स्वच्छता निरीक्षक प्रदीप पाल से स्पष्टीकरण मांगा गया तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इस पर नगर आयुक्त ने उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया और उनका वेतन भी रोक दिया.
इसी तरह महेशपुर बाईपास पर भी सफाई सही नहीं मिली. स्वच्छता निरीक्षक केके सिंह पर भी कार्रवाई हुई और उनका वेतन अग्रिम आदेशों तक रोक दिया गया.
निरीक्षण के दौरान तीन कर्मचारी महेंद्र राठौर (सुपरवाइजर), सफाई कर्मचारी दशरथ और उर्मिला मौके से अनुपस्थित मिले. नगर आयुक्त ने तीनों को मौके पर निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए.


