Monday, December 15, 2025
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अजय मिश्रा टेनी की बढ़ी मुश्किलें, 23 साल पुराना हत्याकांड मामला पहुंचा SC

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लखीमपुर खीरी। केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra) से जुड़ा 23 साल पुराना हत्याकांड का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। साल 2000 में लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता प्रभात गुप्ता की हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मई 2023 में इस मामले के आरोपी अजय मिश्रा टेनी समेत 4 आरोपियों को बरी कर दिया था।

प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे विशेष अनुमति याचिका यानी एसएलपी दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सन 2004 में दिए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था। निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। प्रभात गुप्ता हत्याकांड में सुभाष मामा, शशि भूषण उर्फ पिंकी, राकेश उर्फ डालू और अजय मिश्रा टेनी आरोपी थे।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में 8 जुलाई 2000 को प्रभात गुप्ता अपने घर लौट रहे थे। बीच रास्ते में सड़क पर ही सरेआम दिनदहाड़े गोली मारकर कर उनकी हत्या दी गई थी। प्रभात गुप्ता उस समय समाजवादी पार्टी के युवा नेता थे। उस समय भी अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra) बीजेपी से जुड़े थे। इस हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी समेत 4 लोगों को नामजद किया गया था। निचली अदालत और हाईकोर्ट से पीड़ित परिवार को निराशा हाथ लगी थी। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने भाई के लिए इंसाफ की गुहार लगाई है।

प्रभात गुप्ता के भाई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रभात गुप्ता हत्याकांड में अजय मिश्रा टेनी को बरी करते हुए यूपी सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने ट्रायल कोर्ट के टेनी को बरी करने के फैसले को बरकरार रखा था।

लखीमपुर की निचली अदालत ने टेनी को बरी कर दिया था, लेकिन निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अर्ज़ी दाखिल की थी। वो भी खारिज कर दी गई। साल 2000 में प्रभात गुप्ता की हत्या हुई थी और साल 2004 में ट्रायल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में टेनी को बरी किया था।

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