दूसरे राज्य के अधिकारी कर रहे हैं मदद: उत्तर प्रदेश पुलिस के आलाधिकारी और आसपास के राज्य जैसे की हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली राजस्थान के आलाधिकारियों के साथ बैठक कर कावड़ियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए खास प्लान तैयार किया गया है. हमारे यहां यह परंपरा है कि सावन के महीने में श्रद्धालु शिव मंदिर में जाकर जल चढ़ाते हैं.
सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन की लाइव फीड से निगरानी: इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए घाटों पर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. घाट पर बैरिकेडिंग लाइटिंग और होल्डिंग एरिया तैयार किए गए हैं, जिससे कि कांवड़ियों को सुविधा हो. वहीं घाटों पर किसी तरह की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पीएसी और ट्रेंड गोताखोरों को तैनात किया गया है.
कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा पर जोर: कांवड़ मार्ग पर कांवड़ियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए 40000 सीसीटीवी लगाए गए हैं. वहीं 400 ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है. सिग्नेचर बिल्डिंग में कंट्रोल रूम बनाया गया है. वहां पर सीसीटीवी कैमरा और ड्रोन से लाइव फीड प्राप्त हो रही है.
संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस चौकी का निर्माण किया गया: ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने के लिए एनपीआर कैमरे लगाए गए हैं. प्रत्येक एक किलोमीटर पर मोटरसाइकिल सवार फोर्स को तैनात किया गया. वहीं बीट पेट्रोलिंग की जा रही है. हर संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस चौकी का निर्माण किया गया है. 45000 सीआरपीएफ और एसडीआरएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है.