Sunday, July 13, 2025
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साक्षी मलिक और बबीता फोगाट में ‘दंगल’, धाकड़ गर्ल ने कहा- किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गई

चंडीगढ़: ओलंपिक मेडल विजेता पहलवान साक्षी मलिक और बबीता फोगाट में सोशल मीडिया पर दंगल छिड़ गया है। ये सारा विवाद साक्षी मलिक की बायोग्राफी विटनेस में किए गये खुलासे को लेकर है। साक्षी मलिक ने बीजेपी नेता बबीता फोगाट के ऊपर पहलवान आंदोलन को लेकर गंभीर आरोप लगाये था। जिसके बाद अब धाकड़ गर्ल बबीता फोगाट ने भी पलटवार किया है।

बबीता फोगाट ने सोशल मीडिया X पर लिखा

खुद के किरदार से जगमगाओं। उधार की रोशनी कब तक चलेगी। किसी को विधानसभा मिला किसी को मिला पद। दीदी तुमको कुछ न मिला हम समझ सकते हैं तुम्हारा दर्द। किताब बेचने के चक्कर में अपना ईमान बेच गई। माना जा रहा है कि बबीता फोगाट का ये ट्वीट साक्षी मलिक के उन आरोपों का जवाब है, जो उन्होंने पहलवान आंदोलन को लेकर बबीता फोगाट पर लगाये हैं।

 

साक्षी मलिक ने बबीता फोगाट पर क्या आरोप लगाया?

पहलवान साक्षी मलिक की किताब विटनेस जब से रिलीज हुई है, तब से उस पर बवाल हो रहा है। साक्षी ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ हुए आंदोलन के पीछे कांग्रेस नहीं बीजेपी के दो नेता, तीरथ राणा और बबीता फोगाट थे। साक्षी के मुताबिक बबीता फोगाट बृजभूषण सिंह की जगह भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनना चाहती थी। साक्षी के इन आरोपों पर बवाल शुरू हो गया। इसी को लेकर अब बबीता फोगाट ने जवाब दिया है।

क्यों हुआ था पहलवान आंदोलन

दरअसल भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने आंदोलन किया था। इस आंदोलन में मुख्य रूप से बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक शामिल थीं। पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे। इस आंदोलन पर शुरू से ही कांग्रेस प्रायोजित होने का आरोप लगता रहा है। लेकिन अब साक्षी मलिक ने दावा किया है कि आंदोलन बबीता फोगाट के चलते हुआ है।

गीता फोगाट बबीता के समर्थन में उतरीं

बबीता फोगाट की बड़ी बहन गीता फोगाट ने भी उनका समर्थन किया है। गीता ने सोशल मीडिया पर लिका है कि बबीता फोगाट के नाम पर बार-बार अपने एजेंडे, अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करते रहते हैं, मैं उनको कहना चाहती हूँ,। बबीता ने कुश्ती में या राजनीति जो भी मुकाम हासिल किया है वो अपनी मेहनत और ईमानदारी के बलबूते पर किया है, जहां पर कोई किसी तरह का पद मायने नहीं रखता. रही बात अध्यक्ष बनने की तो सब जानते हैं अध्यक्ष बनने का लालच किसके अंदर था। सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं।

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