यमुनानगर: हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित कलेसर नेशनल पार्क प्रकृति और वन्य जीवों के शौकीनों के लिए स्वर्ग माना जाता है. कलेसर नेशनल पार्क में जंगल सफारी को तीन महीने के लिए बंद कर दिया गया है. 1 जुलाई से शुरू हुआ ये बंद 30 सितंबर तक जारी रहेगा. वन्य प्राणी विभाग ने मानसून के मौसम और जंगल के रास्तों की खराब स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया है.
पर्यटकों के लिए निराशा: कलेसर नेशनल पार्क की जंगल सफारी हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पर्यटकों के बीच खासी लोकप्रिय है. 16 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर खुली जिप्सी में प्रकृति की गोद में वन्य जीवों को करीब से देखने का अनुभव हर किसी को रोमांचित करता है. चीता, तेंदुआ, हाथी, हिरण, जंगली सूअर, लोमड़ी और जहरीले सांप जैसे जीव-जंतु इस सफारी को और आकर्षक बनाते हैं. हालांकि, मानसून के कारण इस रोमांच को फिलहाल टालना होगा, जो पर्यटकों के लिए निराशाजनक है.
कलेसर नेशनल पार्क की खासियत: 11570 एकड़ में फैला कलेसर नेशनल पार्क अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए जाना जाता है. ये पार्क हिमाचल प्रदेश के सिंबलबारा और उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से सटा हुआ है. अक्सर हिमाचल और उत्तराखंड से हाथी, तेंदुए और चीते कलेसर के जंगलों में विचरण करते दिख जाते हैं. कई बार ये वन्य जीव सड़कों पर भी नजर आते हैं, जो पर्यटकों के लिए आश्चर्य का विषय होता है.

चीता, तेंदुआ, हाथी, हिरण, जंगली सूअर, लोमड़ी और जहरीले सांप जैसे जीव-जंतु जंगल में पाए जाते हैं.
दुबई मॉडल पर आधारित सफारी: कलेसर नेशनल पार्क की जंगल सफारी को दुबई के मॉडल पर विकसित किया गया है, जिसे पर्यटकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है. ये सफारी ना केवल रोमांच प्रदान करती है, बल्कि वन्य प्राणी विभाग के लिए अच्छा-खासा राजस्व भी जुटाती है, लेकिन बारिश के मौसम में सुरक्षा और रखरखाव के मद्देनजर इसे बंद करना जरूरी हो गया.
कब शुरू होगी सफारी? वन्य प्राणी विभाग के अनुसार, जंगल सफारी 1 अक्टूबर से फिर से शुरू होगी. तब तक पर्यटकों को इंतजार करना होगा. पार्क प्रशासन के मुताबिक ये फैसला भले ही कुछ लोगों को निराश करे, लेकिन प्रकृति और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी कदम है.