
पटना: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को इस बार अपार जनादेश मिला है. जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सरकार ने अपने इस कार्यकाल में उद्योग और रोजगार को सबसे ऊपर प्राथमिकता दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा है कि अगले पांच वर्ष पूरी तरह औद्योगीकरण और निवेश को समर्पित होंगे.
50 लाख करोड़ का निवेश टारगेट: सरकार ने अगले पांच साल में 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने की महत्वाकांक्षी कार्ययोजना तैयार की है. इसके लिए उद्योग विभाग दिन-रात बैठकों का दौर चला रहा है. निवेशकों में बिहार को लेकर नया विश्वास जगा है और कई बड़े घराने राज्य में प्लांट लगाने की योजना बना रहे हैं.
BISF का गठन होगा गेम-चेंजर: उद्योगों की सुरक्षा को देखते हुए सबसे बड़ा कदम उठाया जा रहा है. बिहार भाजपा अध्यक्ष सह उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने घोषणा की है कि केंद्र की CISF की तर्ज पर बिहार इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (BISF) का गठन किया जाएगा.
“ बिहार इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा. निवेशक सबसे पहले सुरक्षा देखते हैं. BISF बनते ही बिहार इंडस्ट्री के लिए सबसे सुरक्षित राज्य बन जाएगा.”– दिलीप जायसवाल, उद्योग मंत्री
5 मेगा फूड पार्क और 110 नए इंडस्ट्रियल जोन: योजना के तहत राज्य में 5 नए मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे, जिनमें आधुनिक कोल्ड चेन और लॉजिस्टिक्स सुविधाएं होंगी. साथ ही 10 बड़े औद्योगिक पार्क और 100 MSME पार्क विकसित किए जाएंगे. हर जिले में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम केंद्र खोले जाएंगे तथा अलग से MSME निदेशालय की स्थापना होगी.
7 लाख युवाओं को मिलेगा स्किल ट्रेनिंग: रोजगार सृजन पर विशेष जोर देते हुए सरकार अगले पांच साल में 7 लाख युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक स्किल और उद्यमिता प्रशिक्षण देगी. इसके लिए नए ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे और मौजूदा संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा.
निवेशकों का विश्वास लौटा: उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, “जब से नई सरकार आई है, निवेशकों में जबरदस्त उत्साह है. BISF बनते ही बिहार में निवेश की बाढ़ की तरह आएगा. नीतीश जी का सपना है कि बिहार देश का सबसे तेजी से बढ़ता औद्योगिक राज्य बने और हम उस दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं.”


