नालंदा: बिहार के नालंदा जिले के राजगीर थाने में पदस्थापित एएसआई सुमन तिर्की ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. यह घटना थाना परिसर स्थित बैरक में हुई, जहां गोली की आवाज सुनते ही अन्य पुलिसकर्मी दौड़ पड़े. मौके पर पहुंचे सहकर्मियों ने सुमन को खून से लथपथ अवस्था में जमीन पर पड़ा देखा. आनन-फानन में उन्हें राजगीर अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.
डीएसपी का बड़ा खुलासा: घटना की प्रारंभिक जांच में पारिवारिक कलह को आत्महत्या का मुख्य कारण माना जा रहा है. राजगीर डीएसपी सुनील कुमार ने बताया कि सुमन तिर्की झारखंड के गुमला जिले के धाबरा थाना क्षेत्र अंतर्गत बिहार भटौली गांव के निवासी थे. वे सुशील तिर्की के पुत्र थे और डायल 112 आपातकालीन सेवा में कार्यरत थे. पिछले एक वर्ष से राजगीर थाने में तैनात सुमन की उम्र करीब 30 वर्ष बताई जा रही है. डीएसपी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह पारिवारिक विवाद से प्रेरित लग रहा है.
बैरक क्षेत्र को किया गया सील: घटना की सूचना मिलते ही जिला पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. वरीय अधिकारियों को सूचित करने के बाद मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य संग्रह का कार्य शुरू कर दिया. सुमन का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल बिहारशरीफ भेज दिया गया है. थाने के बैरक क्षेत्र को सील कर दिया गया है, ताकि कोई महत्वपूर्ण सुराग न छूटे. पुलिस ने सर्विस रिवॉल्वर और अन्य सामान को जब्त कर लिया है. डीएसपी सुनील कुमार ने कहा कि जांच पूरी निष्पक्षता से की जाएगी.
“प्रथम दृष्टया सुमन तिर्की की आत्महत्या का कारण पारिवारिक कलह प्रतीत हो रहा है. वे डायल 112 में कार्यरत थे और पिछले एक वर्ष से राजगीर में तैनात थे. मामले की गहन जांच की जा रही है और फॉरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर सटीक कारणों का पता लगाया जाएगा.”–सुनील कुमार, डीएसपी, राजगीर
पुलिसकर्मियों की आत्महत्याओं का सिलसिला: यह घटना नालंदा जिले में पुलिसकर्मियों की आत्महत्याओं की एक कड़ी बन गई है. मात्र दो माह पूर्व, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र हरनौत थाने के डायल 112 में तैनात एएसआई रामपूकार यादव ने भी अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी. 22 जुलाई को शाम के समय बाथरूम में हुई इस घटना ने पूरे जिले को झकझोर दिया था. गया के निवासी रामपूकार की मौत के पीछे भी पारिवारिक और कार्यस्थल संबंधी दबाव को कारण बताया गया था.
बढ़ते तनाव का संकेत: पिछले कुछ सालों में बिहार पुलिस विभाग में आत्महत्याओं की संख्या में वृद्धि देखी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे कार्य घंटे, पारिवारिक दबाव और विभागीय तनाव इन घटनाओं के प्रमुख कारक हैं. सूत्रों के अनुसार, डायल 112 जैसी सेवाओं में तैनात कर्मियों पर अतिरिक्त दबाव रहता है, जो कभी-कभी असहनीय हो जाता है.
क्या होगा आगे का कदम: पुलिस ने सुमन तिर्की के मोबाइल फोन, डायरी और अन्य दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है. फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर कारणों का और खुलासा होगा. जिला प्रशासन ने परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है. साथ ही, विभागीय स्तर पर काउंसलिंग सत्र आयोजित करने की योजना है. डीएसपी ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
मानसिक स्वास्थ्य पर दें ध्यान: सुमन तिर्की की मौत बिहार पुलिस के लिए एक सबक है. यह घटना न केवल विभागीय सुधारों की मांग करती है, बल्कि समाज को भी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनने का संदेश देती है. यदि समय रहते सहायता मिल जाती, तो शायद यह घटना टल सकती थी.




