Monday, October 27, 2025
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रामदेव ने ‘बिना शर्त’ माफी मांगी; कोर्ट ने कहा, ‘स्वीकार्य नहीं’

Patanjali misleading ad case: पतंजलि विज्ञापन मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण से नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेश को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हम आपके खेद व्यक्त करने के तरीके को स्वीकार नहीं कर सकते। 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि के विज्ञापन छप रहे थे। इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा। पहले की गलती के लिए माफ़ी।

रामदेव और बालकृष्ण के वकीलों ने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने को तैयार हैं। इसके बाद रामदेव और बालकृष्ण कोर्ट में पेश हुए। रामदेव ने कहा, ”हम सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़कर माफी मांग रहे हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से कहा, “आप कितने भी ऊंचे पद पर क्यों न हों, कानून आपसे ऊपर है। कानून की महिमा सबसे ऊपर है।”

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, ”21 नवंबर को कोर्ट का आदेश जारी करने के बाद अगले दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। इसमें बालकृष्ण और रामदेव मौजूद थे। आपकी माफी काफी नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि की विज्ञापन छपवाये गये आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है। आपने ऐसा क्यों किया…? आपको नवंबर में चेतावनी दी गई थी, फिर भी आपने प्रेस कॉन्फ्रेंस की… इसलिए कार्रवाई के लिए तैयार रहें। यह देश की सबसे बड़ी अदालत है। आपने कानून कैसे तोड़ा…? परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।”

न्यायमूर्ति कोहली ने कहा, “क्या आपने अधिनियम में बदलाव के बारे में मंत्रालय से संपर्क किया था?… इस अदालत को एक वादा दिया गया था, जो कंपनी में सभी पर लागू होता है… पंक्ति में शीर्ष से लेकर अंतिम व्यक्ति तक।” मीडिया विभाग और विज्ञापन विभाग इसका पालन कैसे नहीं करते? इसलिए हम कहते हैं कि आपका हलफनामा दिखावटी है। हम आपकी माफी से खुश नहीं हैं।” इस पर बाबा रामदेव के वकील ने कहा, ”गलती हुई है। हम सहमत हैं कि चूक हुई है”।

इससे पहले, पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण ने कई गंभीर बीमारियों के इलाज में दवा की प्रभावकारिता का दावा करने और चिकित्सा की अन्य प्रणालियों को कमजोर करने का दावा करने वाली कंपनी के हर्बल उत्पादों के विज्ञापन के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी थी। बालकृष्ण ने कहा था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न हों।

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