देहरादून : उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण रोकने के लिए संशोधित कानून लागू हो गया है। राज्यपाल ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता संशोधन विधेयक 2022 को शुक्रवार को मंजूरी दी। इसके तहत प्रलोभन देकर या जबरन धर्मांतरण में 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। राज्य में अब संशोधित धर्मांतरण कानून प्रभावी हो गया है। शीतकालीन विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा से ये विधेयक पारित हो गया था। उत्तराखंड में धर्मांतरणरोधी विधेयक बीजेपीशासित राज्यों में ऐसे कानूनों की फेहरिस्त में एक और कदम है। इसके पहले उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों में लव जिहाद को रोकने के लिए ऐसे ही कानून पारित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें लव जिहाद को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इसमें लखनऊ में निधि गुप्ता को चौथी मंजिल से फेंकने वाले सूफियान का केस भी काफी उछला था। हालांकि विपक्षी दलों का कहना है कि ऐसे कानून पारित कर बीजेपी अपने राजनीतिक एजेंडे को साधना चाहती है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में धर्मांतरण बिल पारित हो चुका है। इसे बीजेपीशासित राज्यों में एक मॉडल कानून की तरह लागू किया जा रहा है। पार्टी लगातार राजनीतिक मंच से लव जिहाद को लेकर अपने कड़े रुख का इजहार करती रही है।
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