Wednesday, June 18, 2025
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मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों के साथ प्रगति पोर्टल के अन्तर्गत NBM, PMS, PMAY की प्रगति की समीक्षा की

देहरादून: मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ प्रगति पोर्टल के अन्तर्गत नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन, पीएम स्वनिधि और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन के अन्तर्गत टावर लगाने एवं ओएफसी आदि के लिए राइट ऑफ वे (Right of Way) आवेदनों के सम्यक् निस्तारण हेतु सभी जिलाधिकारियों तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्थानीय निकायों को अपने बायलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है तो शीघ्रातिशीघ्र किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को पेंडेंसी के निस्तारण के लिए उचित प्रणाली विकसित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही प्रतिदिन समीक्षा किंजाए और इसके लिए वर्कशॉप भी आयोजित की जाएं। कहा कि समस्याओं का अध्ययन कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए, ताकि एप्लीकेशन के रिजेक्शन को कम किया जा सके।

मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि योजना के अन्तर्गत राज्य के 25 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण उपलब्ध कराने के लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में हासिल करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेपरवर्क पूरा करने हेतु में एक या दो बार कैंप लगाए जाएं। ई – केवाईसी के लिए सीएससी आदि को भी कैंप में शामिल किया जाए ताकि सभी काम एक साथ हो सकें। मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि में पर्वतीय जनपदों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि मैदानी जनपदों को तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने एसएलबीसी को बैंकों को भी इस सम्बन्ध में अवगत कराए जाने हेतु निर्देशित किया, ताकि बैंक भी एप्लीकेशंस को सरसरी तौर पर निरस्त न करें और ऋण स्वीकृति देने में तेजी लाएं। NBM, PMS, PMAY

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में भी स्वीकृत आवासों के सापेक्ष पूर्ण और आबंटित की स्थिति में तेजी से सुधार लाने के निर्देश दिए। कहा कि क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) – PMAY, लाभार्थी के नेतृत्व में व्यक्तिगत घर निर्माण (BLC) गरीब बेघर लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है। बीएलसी के अन्तर्गत केंद्र सरकार द्वारा तीसरी/अंतिम किश्त प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद दी जाती है, जिस कारण कई बार लाभार्थी का आवास धन की कमी के कारण पूरा नहीं हो पता या उसमें देरी होती है। इसके लिए एक नया मैकेनिज्म तैयार किया जाए ताकि लाभार्थी को बाकी का पैसा राज्य सरकार की और से मिल जाए और प्रोजेक्ट पूर्ण होने पर यह केंद्र से राज्य सरकार को रिफंड हो जाए।

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