
नई दिल्ली : सट्टेबाजी से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सख्त कार्रवाई की है. जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, रॉबिन उथप्पा, एक्टर सोनू सूद, उर्वशी रौतेला, नेहा शर्मा और पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती शामिल हैं. इन सभी व्यक्तियों की संपत्तियां जब्त की गई हैं. केंद्रीय एजेंसी सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म से जुड़े कथित वित्तीय लेनदेन की अभी भी जांच कर ही रही है.
ईडी ने क्रिकेटर युवराज सिंह की ढाई करोड़ की संपत्ति जब्त की है, जबकि रॉबिन उथप्पा की 8.26 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है. इसी तरह से अभिनेता सोनू सूद की एक करोड़ की संपत्ति ईडी ने जब्त की है, जबकि उर्वशी रौतेला की 2.02 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है. उर्वशी की संपत्ति उनकी मां के नाम पर रजिस्टर्ड है. अभिनेत्री नेहा शर्मा की 1.26 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है. अंकुश हाजरा के नाम पर 47.20 लाख की संपत्ति थी, जिसे ईडी ने अटैच कर दिया है. मिमी चक्रवर्ती की 59 लाख रुपये की प्रॉपर्टी अटैच कर दी गई है.
युवराज सिंह – 2.5 करोड़
रॉबिन उथप्पा – 8.26 लाख
उर्वशी रौतेला – 2.02 करोड़
सोनू सूद – 1 करोड़
मिमी चक्रवर्ती – 59 लाख
अंकुश हाजरा – 47.20 लाख
नेहा शर्मा- 1.26 करोड़
सट्टेबाजी ऐप से जुड़े मामलों में ईडी पहले ही क्रिकेटर शिखर धवन और सुरेश रैना पर कार्रवाई कर चुकी है. सुरेश रैना की 6.64 करोड़ की संपत्ति और शिखर धवन की 4.55 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है. ईडी ने यह कार्रवाई 1xBet मामले में की है. ईडी ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक इस मामले में अब तक 19.07 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है.
पूरा मामला कथित तौर पर अवैध बेटिंग ऐप से जुड़ा है. आरोप है कि उन्होंने या तो लुभावने एड के जरिए आम लोगों और निवेशकों को भ्रमित किया, या फिर करोड़ों की ठगी की या फिर उन्हें ऐसा करने के लिए गुमराह किया या फिर उन्होंने टैक्स की चोरी की है.
दरअसल सट्टेबाजी भी एक खेल है. यहां पर लोगों को अनुमान लगाकर पैसे लगाने होते हैं. ऐसे बहुत सारे ऐप उपलब्ध हैं. इनमें से एक ऐप है 1xBet. इस ऐप के जरिए लोग ऑनलाइन जुड़ते हैं और अपना-अपना दांव लगाते हैं. ईडी इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इस ऐप के जरिए अवैध तरीके से फाइनेंशियल लेन-देन तो नहीं हुआ है. जांच अभी भी जारी है. आपको बता दें कि ईडी जब भी किसी भी व्यक्ति की संपत्ति अटैच करती है, तो इसका मतलब होता है कि उस संपत्ति को न तो आप बेच सकते हैं और न ही इसका फायदा उठा सकते हैं. एजेंसी भी इस संपत्ति को बेच नहीं सकती है. जब किसी भी व्यक्ति का नाम बेदाग साबित होकर निकल जाता है, तो फिर से वह संपत्ति उन्हें वापस कर दी जाती है.


