
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन, लखनऊ में आयोजित कैबिनेट बैठक में प्रदेश के सभी 18 मण्डल मुख्यालयों पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र (DDRCs) की स्थापना एवं संचालन राज्य सरकार के संसाधनों से किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। वर्तमान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा केवल 37 जनपदों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र का संचालन किया जा रहा है, जिनमें से 11 ही मण्डल मुख्यालयों पर संचालित हैं।
प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार दिव्यांगजनों के सम्मान, सुरक्षा और समग्र सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 13 अक्टूबर 2025 को विभागीय कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण को अनुमोदित करते हुए सभी मण्डल मुख्यालयों पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र स्थापित करने की दिशा में अग्रेतर कार्यवाही के निर्देश दिए थे, जिसके बाद कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को औपचारिक स्वीकृति दे दी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा संचालित यह नई व्यवस्था दिव्यांगजनों के लिए सेवा-प्रदान को अधिक पारदर्शी, सुगम, समयबद्ध और प्रभावी बनाएगी।
इन नव-स्थापित केन्द्रों के माध्यम से दिव्यांगजन सर्वेक्षण एवं चिह्ननांकन, दिव्यांग शिविरों का आयोजन, सहायक उपकरणों की मरम्मत, कृत्रिम अंगों का निर्माण व फिटमेंट, चाल और उपयोग प्रशिक्षण, उपकरण वितरण, दिव्यांगता की रोकथाम के लिए जागरूकता, प्रारम्भिक पहचान और सक्रिय हस्तक्षेप जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ एक ही छत के नीचे प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही दिव्यांग प्रमाण-पत्र, यूडीआईडी कार्ड जारी कराने की प्रक्रिया भी जिला दिव्यांग पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से सुचारू रूप से संचालित हो सकेगी। इन केन्द्रों में परामर्श, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी जैसी आवश्यक नैदानिक सेवाएँ भी उपलब्ध कराई जाएँगी, जिससे दिव्यांगजन और उनके परिवारों को उपचार एवं पुनर्वास संबंधी सहायता स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी।


