देहरादून: गुरुवार से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2022) के साथ ही उत्तराखंड प्रशासन ने श्रद्धालुओं के तलवार, त्रिशूल और ऐसी ही अन्य हानिकारक वस्तुओं के साथ राज्य में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इन सामग्रियों को जिला सीमा पर जब्त करने के निर्देश थाना व चौकी प्रभारी को दे दिए गए हैं। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनमेजय खंडूरी ने कहा, “कल से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में तलवार, त्रिशूल और लाठी लाने पर प्रतिबंध रहेगा। सभी थाना व चौकी प्रभारी को जिला सीमा पर इन्हें जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।” ‘कांवर यात्रा’ भगवान शिव के भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है। कांवरिया (तीर्थयात्री) उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार के सुल्तानगंज जैसे स्थानों पर गंगा नदी का पवित्र जल लाने के लिए जाते हैं। फिर वे उसी जल से भगवान की पूजा करते हैं। COVID-19 महामारी के मद्देनजर, 2021 में यात्रा रद्द कर दी गई थी और ‘हर की पौड़ी’ में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।
इस बीच, दिल्ली यातायात पुलिस ने कांवड़ियों और अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की आवाजाही को अलग करने और आम जनता और भक्तों को असुविधा को कम करने के लिए 14 से 26 जुलाई के बीच व्यापक व्यवस्था की है। कांवरिया महाराजपुर और गाजीपुर चेक पोस्ट की ओर से पूर्वी जिले में प्रवेश करेंगे और दिल्ली से अपने-अपने गंतव्य के लिए रवाना होंगे। पूर्वी दिल्ली विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, राजस्थान और अन्य से आने वाले कांवड़ियों (Kanwar Yatra 2022) के लिए मार्ग पर एक पारगमन बिंदु होगा। पुलिस ने कहा कि कांवड़ियों के 14 जुलाई से अपने गंतव्य तक पैदल दिल्ली से गुजरने की उम्मीद है और 21 जुलाई के बाद के दिनों में उनकी आवाजाही बढ़ जाएगी। 56 से अधिक क्रेन के साथ यातायात नियमन के लिए कुल 1,925 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जा रहा है। और कावर यात्रा के दौरान यातायात के सुचारू प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए मोटरसाइकिलें। दिल्ली पुलिस ने ‘कांवर’ ले जाने वाले भक्तों के लिए मार्ग भी निर्दिष्ट किए।