2 मई को प्रात: 7 बजे खुलेंगे कपाट
देहरादून/ उखीमठ/रूद्रप्रयाग: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद स्थित ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से आज सोमवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली पौराणिक परंपराओं के अनुसार विधिवत पूजा-अर्चना के बाद केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई। इस शुभ अवसर पर पूरे क्षेत्र में भक्ति और श्रद्धा का अनुपम संगम देखने को मिला। डोली यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और “जय बाबा केदार” के जयकारों से वातावरण गूंज उठा।
बीते रविवार, 27 अप्रैल को भगवान भैरवनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना कर डोली यात्रा की तैयारियों का श्रीगणेश किया गया था। सोमवार को, पारंपरिक पूजा अनुष्ठानों के बाद ओंकारेश्वर मंदिर परिसर से बाबा केदार की पंचमुखी डोली ने अपने ग्रीष्मकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान किया। यह यात्रा धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का गहरा प्रतीक है, जो सदियों से चली आ रही है।
बाबा केदार की पंचमुखी डोली अपनी यात्रा के दौरान कई विश्राम स्थलों पर रात्रि प्रवास करेगी। यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम इस प्रकार है:
- 28 अप्रैल: डोली विश्वनाथ मंदिर, गुप्तकाशी पहुंचेगी और वहीं रात्रि विश्राम करेगी।
- 29 अप्रैल: गुप्तकाशी से प्रस्थान कर फाटा पहुंचेगी, जहां डोली रात्रि प्रवास करेगी।
- 30 अप्रैल: फाटा से आगे बढ़कर गौरीकुंड स्थित गौरा देवी मंदिर पहुंचेगी और वहीं रात्रि विश्राम होगा।
- 1 मई: गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के लिए प्रस्थान करेगी और सायं के समय बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम के पवित्र मंदिर में प्रवेश करेगी।
इस क्रम में यात्रा के प्रत्येक चरण पर विधिवत पूजा-अर्चना और श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत समारोह आयोजित किए जाएंगे।
केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 2 मई को प्रात: 7 बजे वृष लग्न में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ विधिवत खोल दिए जाएंगे। कपाटोद्घाटन की शुभ बेला को लेकर तीर्थयात्रियों और भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। माना जाता है कि बाबा केदार के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का मुख्य शुभारंभ हो जाता है और यह पूरे उत्तराखंड में ग्रीष्मकालीन तीर्थ यात्रा सत्र का संकेत देता है।
बाबा केदार की पंचमुखी डोली को चल विग्रह के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। इस डोली में भगवान केदारनाथ के पंचमुखी स्वरूप का दर्शन होता है, जिसे श्रद्धालु यात्रा मार्ग में विभिन्न स्थलों पर पूजते और दर्शन करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा की डोली यात्रा करने से यात्रियों को पुण्य लाभ प्राप्त होता है और सभी प्रकार की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
डोली के प्रस्थान के अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय निवासी उपस्थित रहे। ढोल-नगाड़ों, फूलों और पारंपरिक वेशभूषा में भक्तों ने बाबा केदार की डोली का स्वागत और विदाई की। श्रद्धालुओं ने मार्ग में जगह-जगह फूलों की वर्षा कर डोली यात्रा का अभिनंदन किया। यात्रा मार्ग को आकर्षक ढंग से सजाया गया है और सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
डोली यात्रा को लेकर पुलिस और प्रशासन द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यात्रा मार्ग पर पुलिस बल तैनात किया गया है, साथ ही मेडिकल टीम और राहत दल भी तैयार रखे गए हैं। आपातकालीन सेवाओं के लिए एम्बुलेंस और प्राथमिक उपचार केंद्र भी स्थापित किए गए हैं। प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं को भोजन और पानी की उचित व्यवस्था मिले।
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने बताया कि यात्रा मार्ग पर सफाई, स्वास्थ्य और यातायात की व्यवस्था के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी तैयार रखी गई है।