Tuesday, June 17, 2025
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CM योगी और केशव मौर्य के बीच झगड़े में नई वजह की एंट्री, डिप्टी सीएम ने कर दी ये बड़ी डिमांड

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya) के बीच लंबे समय से तनातनी की खबरें आती रही हैं। लोकसभा चुनाव में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन को लेकर भी दोनों नेताओं की अपनी-अपनी थ्योरी है। योगी बनाम केशव के झगड़े में अब नया मोड़ आ गया है।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya)  ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग को पत्र लिखा है। डिप्टी सीएम ने नियुक्ति और कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आरक्षण का ब्यौरा मांगा है। इस लेटर में केशव मौर्य ने कहा है कि वह इस मुद्दे को विधान परिषद में भी उठा चुके हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर केशव प्रसाद मौर्य ने आउटसोर्सिंग या संविदा पर काम कर रहे कुल कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है। पत्र में डिप्टी सीएम (Keshav Maurya)  ने लिखा, “मैंने 11 अगस्त 2023 में इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया था और अधिकारियों से जानकारी चाही थी। 16 अगस्त 2023 को उन्होंने पत्र लिखा था, लेकिन जानकारी ना मिल पाने के कारण एक बार फिर पत्र लिखा और अधिकारियों को आदेशित किया कि शासनादेश के अनुसार समस्त विभागों को सूचीवार एकत्र करके, संकलित कर अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें।”

कार्मिक विभाग ने नहीं दी जानकारीः मौर्य कैंप

केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya)  कैंप का दावा है कि चुनाव से पहले ही वे इस खतरे को भांप गए थे। उनकी ओर से यूपी सरकार से कई बार जानकारी मांगी गई थी। उन्होंने चिट्ठी लिखकर कार्मिक विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से इस बारे में सवाल किया था कि कितने लोगों को रिजर्वेशन का फायदा मिला। पर उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई।

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya)  का मानना है कि आउटसोर्सिंग पर दी जाने वाली नौकरी में रिजर्वेशन नहीं दिया जाता है। जबकि यूपी सरकार ने साल 2008 में ही कॉन्ट्रैक्ट पर दी जाने वाली नौकरी में इसकी व्यवस्था की थी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार से पूछा है कि अब तक कितने पिछड़े और दलितों को आउटसोर्सिंग में नौकरी दी गई है। उन्होंने इसके लिए 15 जुलाई को नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख को चिट्ठी लिखी है।

हाल ही में संगठन और सरकार के बीच मतभेद सामने आए थे। हालांकि उसके बाद केशव मौर्य को दिल्ली बुलाया गया था और खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे मुलाकात की थी। करीब एक घंटे तक चली इस मीटिंग में संगठन और सरकार के बीच तनाव को कम करने की चर्चा हुई थी। नड्डा की ओर से कहा गया कि ऐसी बयानबाजी नहीं होनी चाहिए, जिससे पार्टी की छवि का नुकसान हो।

बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है: केशव मौर्य (Keshav Maurya)

यूपी कार्य समिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya) ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था, “जो आपका दर्द है, वही मेरा भी दर्द है और बीजेपी में सरकार से बड़ा संगठन है, संगठन था और रहेगा।” मौर्य ने आगे कहा था कि 7 कालिदास मार्ग कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला है। डिप्टी सीएम के इसी बयान के बाद यूपी की सियासत चर्चा के केंद्र में आ गई थी।

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