Sunday, December 21, 2025
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आज विधानसभा सत्र का तीसरा दिन, हंगामे के साथ हुई सदन की कार्यवाही शुरू

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देहरादून: आज विधानसभा सत्र का तीसरा दिन है। सदन की कार्यवाही को 11 बजे शुरू कर दिया गया। तीसरे दिन सदन की कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। सदन में यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड ) विधेयक पर चर्चा हो रही है।

कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि जल्दबाजी में सरकार यूसीसी पारित करना चाहती है। केंद्र के मसले को राज्य में लागू करना जल्दबाजी है। बेहड़ ने कहा बिल को प्रवर समिति के अधीन भेजना चाहिए। जिस पर विस्तार से चर्चा हो। उन्होंने कहा सभी विधायकों की मसौदे को लेकर राय ली जानी चाहिए।

कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि लड़की की शादी होने पर बराबार का अधिकार देने से कोर्ट कचहरी के मामले अधिक बढ़ जाएंगे। लड़कियों के ससुराल वाले बहुओं को बराबर संपत्ति का अधिकार दिलाने के लिए प्रताड़ित करेंगे।

कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने कहा कि यूसीसी बिल का अध्ययन करने के लिए जो समय दिया है वो बेहद काम है। दो घंटे में अगर बिल पढ़ने में सक्षम होते तो फिर हम यहां नही कही और होते। चौहान ने कहा मुस्लिम महिलाएं अगर इद्दत शोक के लिए करना चाहती है तो इसमें क्या गलत है?

नेता उप प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि शादी का रजिस्ट्रेशन 2006 में ही लागू हो गया था। लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल और लड़कों की उम्र 21 साल भी पहले से ही थी। लड़कियों का संम्पति में बराबर का अधिकार भी पहले से ही है तो फिर ucc में नया क्या है? कापड़ी ने कहा कि यूसीसी के नाम पर ये कॉपी कट पेस्ट किया गया है।

नेता उप प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप को बैन किया जाना चाहिए था। लेकिन यूसीसी में लिव इन रिलेशन को लेकर इस तरह के प्रावधान को शामिल कर उत्तराखंड की पहचान बदल दी है। अब देवभूमि लिव इन रिलेशनशिप के नाम से जाना जाएगा। कापड़ी ने कहा कि इस तरह की मान्यता मिलने के बाद उत्तराखंड में लोग लिव इन रिलेशनशिप में रहने के लिए आएंगे।

कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सदन में व्यवस्था के तहत सवाल उठाया है। हृदयेश ने मुख्यमंत्री की घोषणा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गैरसैंण में सीएम धामी के द्वारा युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की घोषणा की गई थी। सीएम ने सदन में कहा था कि पीसीसीएस की भर्ती परीक्षा को लेकर आंदोलन कर रहे युवाओं पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे। लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री की घोषणा पूरी नहीं हुई है।

सीएम धामी ने हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश का सदन में जवाब देते हुए कहा कि जो युवा भर्ती में शामिल होना चाहते हैं उनके खिलाफ हर हाल में मुकदमे वापस होने चाहिए। लेकिन गुंडे बदमाशों के मुकदमे वापस नहीं होंगे। लेकिन अगर कोई ऐसे अभ्यर्थी जो जिसने भी विधायक को फोन कर मदद मांगी है और वो भर्ती में शामिल होना चाहते हैं उनके मुकदमे वापस किए जाएंगे।

यूसीसी बिल पर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि इसे लागू करने से पहले हमें संविधान को भी देखना होगा। इसमें बहुत खामियां है। इसे प्रदेश सरकार लागू करना चाहती है तो संविधान के तहत ही इसे लागू करना जाना चाहिए। बिल में राज्य से बहार रहने वाले उत्तराखंड वासियों पर यूसीसी लागू करने की बात कही गई है। लेकिन जिस राज्य में यूसीसी लागू होगा ही नही तो वहां प्रदेशवासियों पर कैसे लागू हो सकता है।

कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में सुनवाई के दैरान कहा था कि लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण करना मूर्खता पूर्ण है। फिर उत्तराखंड में कैसे इसका पंजीकरण कराया जा सकता है जिसे सुप्रीम कोर्ट मूर्खतापूर्ण करार दे रहा है। उन्होंने कहा रिलेशनशिप को यूसीसी में एक तरफ से शादी का दर्जा दे दिया है। उन्होंने कहा कि यूसीसी को प्रवर समिति के अधीन जाने से इसमें जो भी खामियां है वो दूर हो जाएंगी।

यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) विधेयक पर व्यापक चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी भूषण ने सदन की कार्यवाही को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।

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